इंदौर: मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में 5 वर्ष पहले हुए युवा संत भय्यू महाराज सुसाइड केस में अपराधी पलक पुराणिक को सर्वोच्च न्यायालय ने जमानत दे दी है। पलक 4 वर्ष से जेल में बंद थी। पलक पर खुदखुशी के लिए उकसाने का आरोप है। इस आरोप में सत्र न्यायालय ने उसे मिलाकर 3 अपराधियों को 6-6 वर्ष की सजा सुनाई है। सत्र न्यायालय के आदेश को पलक ने मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। जमानत भी मांगी थी, मगर राहत नहीं मिली। तत्पश्चात, पलक के अधिवक्ता ने सर्वोच्च न्यायालय में आवेदन दिया था। इसे अदालत ने स्वीकार कर लिया। पलक पर आरोप है कि उसने भय्यू महाराज के साथ अश्लील वीडियो बनाए थे। वह भय्यू महाराज को ब्लैकमेल कर रही थी। इससे परेशान होकर भय्यू महाराज ने स्वयं को गोली मारकर अपने फ्लैट में खुदखुशी कर ली थी। इस काम में पलक के साथ महाराज के सेवादार विनायक दुधाले एवं शरद देशमुख भी थे। पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज करने के बाद पलक तथा महाराज के बीच मोबाइल पर हुई चैटिंग भी बरामद की थी। सर्वोच्च न्यायालय में लगाए गए आवेदन में पलक ने कहा था कि उसे छह वर्ष की सजा सुनाई गई है तथा वह चार साल से जेल में है और अपील भी लंबित है। इस कारण उसे जमानत दी जाए। सर्वोच्च न्यायालय ने आवेदन स्वीकारते हुए जमानत दे दी। तीनों सेवादारों की प्रताड़ना से परेशान होकर भय्यू महाराज तनाव में रहने लगे थे तथा उनका उपचार भी चल रहा था। चिकित्सकों ने जो दवाएं लिखी थी। तीनों अपराधी एक डोज के स्थान पर तीन डोज देते थे तथा नशे में ही उन्होंने महाराज से सुसाइड नोट भी लिखवाया था। पुलिस ने तहकीकात में यह भी पाया था कि बेहोशी की हालत में महाराज के वीडियो उनके सेवादारों ने बनाए थे। दरअसल, पलक महाराज के बहुत करीब थी तथा वह महाराज से शादी करना चाहती थी, मगर महाराज ने आयुषी से शादी कर ली थी। इससे पलक नाराज थी। बता दे कि भय्यू महाराज ने 12 जून 2018 को स्वयं को गोली मार ली थी। OnePlus लेकर आ रहा है अब तक का सबसे घातक स्मार्टफोन 'शादी से पहले लड़का-लड़की कराएं अपने खून की जांच', राज्यपाल ने कही बड़ी बात आधी रात में प्रेमी से मिलने आई शादीशुदा लड़की, अचानक आ गए गांव के लोग और फिर...