दुनिया के दस्तूर हैं ऐंसे

दुनिया के दस्तूर हैं ऐंसे सारे बंधन सपनों जैंसे दिल गम सहलेता है वैंसे कोई आंसू रोके कैंसे जब वेटी डोली में वैठे बाबुल का घर छोडे,,,,,,,, अताहुड छुड जाना ये दिन रह गये थोडे,,,,,,,,,

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