कहते हैं देवी आराधना का पर्व 'नवरात्रि' इन दिनों बहुत धूमधाम से मनाया जा रहा है. ऐसे में नवरात्रि के इन नौ दिनों में श्रद्धालुगण पूर्ण श्रद्धाभाव से देवी की आराधना करते हैं और नवरात्रि के नौ दिन यथाशक्ति भगवती की पूजा-अर्चना के उपरांत अंतिम दिवस 'महानिशा-पूजा' करते हैं. इसी के साथ इसमें राजराजेश्वरी मां जगदंबा की प्रसन्नता हेतु हवन करते हैं. कहते हैं अगर माँ को खुश करना है तो सप्तशती के मंत्रों से हवन करने के स्थान पर मात्र देवी के नवार्ण मंत्र 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै' का पाठ कर हवन एवं महाआहुतियां अर्पण करना चाहते हैं वे देवी के नवार्ण मंत्र 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै' की माला के उपरांत प्रत्येक का अध्याय के निर्दिष्ट मंत्र का उच्चारण करके मां दुर्गा को 'महाआहुति' अर्पण कर सकते हैं. आइए आज हम आपको बताते हैं संपूर्ण तेरह अध्यायों की विशेष आहुतियां कौन-सी हैं. 1. पहला अध्याय- मंत्र- ॐ महाकाल्यै स्वाहा महाआहुति- कमलगट्टा, काली मिर्च, शहद, महुआ, राई. 2. दूसरा अध्याय- मंत्र- ॐ महालक्ष्म्यै स्वाहा महाआहुति- जायफल, जावित्री, कद्दू, पीली सरसों, राई. 3. तीसरा अध्याय- मंत्र- ॐ महालक्ष्म्यै स्वाहा महाआहुति- उड़द का बड़ा. 4. चौथा अध्याय- मंत्र- ॐ महालक्ष्म्यै स्वाहा महाआहुति- पंचमेवा व छुआरा (खारक). 5. पांचवा अध्याय- मंत्र- ॐ महासरस्वत्यै स्वाहा महाआहुति- शक्कर व गन्ना. 6. छ्ठा अध्याय- मंत्र- ॐ धूम्राक्ष्यै स्वाहा महाआहुति- जासौन का फूल. 7. सातवां अध्याय- मंत्र- ॐ चामुण्डायै स्वाहा महाआहुति- बिल्वफल, बिल्वपत्र, पालक. 8. आठवां अध्याय- मंत्र- ॐ रक्ताक्ष्यै स्वाहा महाआहुति- रक्त चंदन. 9. नौवां अध्याय-मंत्र- ॐ भैरव्यै तारा देव्यै स्वाहा महाआहुति- केला, नागरमोथा, अगर, तगर. 10. दसवां अध्याय- मंत्र- ॐ भगवत्यै स्वाहा महाआहुति- बिजोरा नींबू. 11. ग्यारहवां अध्याय- मंत्र- ॐ नारायण्यै स्वाहा महाआहुति- खीर-पूड़ी. 12. बारहवां अध्याय- मंत्र- ॐ राजराजेश्वर्यै स्वाहा महाआहुति- दाड़िम (अनार). 13. तेरहवां अध्याय- मंत्र- ॐ दुर्गा देव्यै स्वाहा महाआहुति- श्रीफल माँ चंद्रघंटा को खुश करने के लिए आज जरूर करें माँ की यह आरती आज है नवरात्रि का तीसरा दिन, आइए जानते हैं माँ चंद्रघण्टा की कथा हलवे के साथ माँ चंद्रघंटा को लगाए इस चीज़ का भोग, मिलेगा सौम्यता का आशीर्वाद