प्रभु श्री गणेश जी को प्रथम पूज्य कहा गया है। हिन्दू धर्म में परम्परा है कि आपकी कोई भी पूजा या अनुष्ठान तभी सिंध होता है, जब आप उस पूजा का आरम्भ गणेश जी के नाम से करते हैं। प्रत्येक वर्ष भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को प्रभु श्री गणेश की खास पूजा अर्चना तथा उनके लिए व्रत रखा जाता है। प्रथा है कि इसी चतुर्थी के दिन गणेश जी का जन्म हुआ था। आज 10 सितंबर शुक्रवार को गणेश चतुर्थी है। वही इस के चलते प्रभु श्री गणेश जी की प्रतिमा को घर में लाकर स्थापित करने की भी प्रथा है। बप्पा के श्रद्धालु उनकी मूर्ति को घर में इस भरोसे के साथ लाते हैं कि गणेश जी उनके सारे कष्ट हर लेंगे। इस के चलते गणेश जी को खुश करने तथा उनका आशीर्वाद पाने के लिए गणेश जी के भक्त उनकी खास पूजा अर्चना करते हैं। कहा जाता है कि गणपति की पूजा में दूर्वा मतलब दूब की बड़ी अहमियत है, इसलिए जब तक गणेश जी आपके घर में विराजमान रहें, उन्हें दूर्वा अवश्य चढ़ाएं। जानिए दूर्वा चढ़ाने के नियम:- 1- मान्यता है कि गणेश जी को 21 दूर्वा लेकर चढ़ानी चाहिए तथा इन्हें दो दो के जोड़े में चढ़ाना चाहिए। 2- जब तक गणेश जी आपके घर पर विराजमान रहें, नियमित तौर पर उन्हें दूर्वा अवश्य चढ़ाएं। 3- दूर्वा घास को चढ़ाने के लिए किसी साफ स्थान से ही तोड़े तथा चढ़ाने से पहले भी इसे पानी से अच्छी प्रकार धो लें। 4- दूर्वा के जोड़े चढ़ाते वक़्त गणेश जी के 10 मंत्रों को अवश्य बोलना चाहिए। दूर्वा चढ़ाते वक़्त बोलें ये 10 मंत्र:- – ॐ गणाधिपाय नमः – ॐ उमापुत्राय नमः – ॐ विघ्ननाशनाय नमः – ॐ विनायकाय नमः – ॐ ईशपुत्राय नमः – ॐ सर्वसिद्धिप्रदाय नमः – ॐ एकदंताय नमः – ॐ इभवक्त्राय नमः – ॐ मूषकवाहनाय नमः – ॐ कुमारगुरवे नमः जानिए अलग-अलग रंग के गणपति बप्पा के चमत्कार आज बन रहा 6 ग्रहों का दुर्लभ संयोग, इन लोगों पर बरसेगी गणेश जी की असीम कृपा गणेश चतुर्थी के दिन गणपति को जरूर चढ़ाएं ये 5 चीजें दुकान या ऑफिस में बिलकुल न लगाएं देवी-देवताओं की ऐसी तस्वीरें, होगा भारी नुकसान