ई-कामर्स कंपनियों पर सरकार ने कसा शिकंजा, रिफंड संबंधी नियम किए कड़े

नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने ई-कामर्स कंपनियों पर लगाम लगाना शुरू कर दिया है। जैसे - जैसे ई-कामर्स कंपनियों का बाजार बढ़ता जा रहा है, ठगी के मामले भी उसी तरीके से बढ़ सरकार ने तय किया है कि अब उनके लिए जारी दिशा-निर्देश स्वैच्छिक न होकर अनिवार्य होंगे। सरकार ने इसका मसौदा बनाकर राज्यों एवं आम जनता से प्रतिक्रिया मांगी है ताकि इसे उपभोक्ता संरक्षण कानून-2019 के तहत अधिसूचित किया जा सके।

केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने मंगलवार को बताया कि ई-कॉमर्स कंपनियों की ओर से ग्राहकों को ठगने की घटनाएं बढ़ रही हैं। कहीं से खबर आती है कि ई-कामर्स कंपनी ने महंगे मोबाइल फोन की जगह ईंट का टुकड़ा भेज दिया। इसी तरह कहीं से शिकायत आई थी कि किसी महिला ने ई-कॉमर्स वेबसाइट से साड़ी मंगाई थी, जो घटिया निकली। इन्हीं घटनाओं को देखते हुए तय किया गया है कि दिशा-निर्देशों का पालन करना अब ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए अनिवार्य होगा।

उन्होंने बताया कि दिशा-निर्देशों का मसौदा सार्वजनिक कर दिया है और इस पर सभी हितधारकों से टिप्पणी मांगी गई है। आम आदमी भी चाहे तो विभाग के मंत्री या सचिव को पत्र लिखकर सुझाव दे सकता है। नए उपभोक्ता संरक्षण कानून के तहत जो दिशा-निर्देश बनाए जा रहे हैं, उसमें ई-कॉमर्स कंपनियों को 14 दिन में रिफंड के मामले को निपटाना होगा। साथ ही सभी ई-कॉमर्स कंपनियों को अपनी वेबसाइट पर अपने ग्रिवांस ऑफिसर और उसके कॉन्टैक्ट डिटेल की जानकारी देनी होगी। उसके पास यदि किसी ग्राहक की शिकायत आती है तो उसे एक महीने की समयावधि में उसका निपटारा करना होगा।

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