भोपाल : शिवराज सरकार के दौरान हुए ई-टेंडरिंग घोटाले (Madhya Pradesh E-Tendering Scam) में मध्य प्रदेश सरकार ने अब बड़ी कार्रवाई की है और इस मामले में राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो( EOW) ने सात कंपनियों सहित अज्ञात नेताओं और अधिकारियों के खिलाफ के सदर्ज कर लिया है. प्राप्त मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जल निगम, पीडब्ल्यूडी, एमपी रोड डेवलपमेंट कारपोरेशन, जल संसाधन विभाग के अफसरों के साथ ही 7 कंपनी के डायरेक्टर इसमें शामिल है. बताया अजा रहा है कि आईपीसी की धारा 420, 468,471,120 b, आईटी एक्ट की धारा-66 के अलावा कई अन्य धाराओं में मामला फ़िलहाल दर्ज कर लिया गया है. इस मामले पर ईओडब्‍ल्‍यू के डीजी केएल तिवारी के मुताबिक़, जनवरी 2018 से मार्च 2018 के बीच ये सभी टेंडर हुए थे और जिसमें 900 करोड़ की राशि शामिल थी. अब कहा जा रहा है कि जल्द ही आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट भी पेश की जाएगी. आपको जानकारी के लिए बता दें जिन लोगों के नाम इसमें शामिल हैं, उनके खिलाफ भी जांच जल्द ही की जाएगी. जब से इस मामले में बदले की राजनीति की बात सामने आई है, सत्ता दल कांग्रेस ने एक्शन लेना शुरू कर दिया है. कांग्रेस के प्रवक्त भूपेश गुप्ता ने बताया कि, ये कोई बदले की कार्रवाई नहीं है और हमने अपने वचन पत्र में ही यह बात साफ कर दी थी कि जनता से जुड़े हर मामले की जांच होगी. जो प्रदेश जानना चाहता है हम वह लोगों तक अवश्य पहुंचाएंगे. रोड शो के बाद राहुल ने दाखिल किया नामांकन, मौजूद रहा पूरा गांधी-वाड्रा परिवार छापेमार कार्यवाही पर सवाल उठाने को लेकर जेटली ने दिया कांग्रेस को ऐसा जवाब 12 हजार रुपये के लिए दोस्त को ही उतार दिया मौत के घाट