नई दिल्लीः भारी उद्योग एवं लोक उद्यम मंत्री अरविंद गणपत सावंत ने कल यानि शुक्रवार को एक कार्यक्रम इस बात पर जोड़ दिया कि ई-वाहन अपनाने के क्रम में रोजगार के अवसरों में कमी नहीं हों इस बात को ध्यान में रखना चाहिए। उद्योग मंडल एसोचैम की ओर से आयोजित कार्यक्रम में अरविंद सावंत ने बताया कि उनके मंत्रालय को 14 अलग शहरों से फेम कार्यक्रम के अगले चरण के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए 15,000 बसों का आर्डर मिला है। मंत्री अरविंद सावंत ने बताया कि वाहनों का इंजन बनाने वाली कुछ कंपनियों ने उनसे कहा है कि इन इंजनों के लिए ज्याद कल-पुर्जों की आवश्यकता है, जिससे वाहन उद्योग में रोजगार के मौके बढ़ेंगे। उन्होंने कहा, 'ई-वाहनों में कल-पुर्जों की संख्या में गिरावट आएगी, ऐसे में रोजगार के मौकों में भी गिरावट आ जाएगी।' सावंत ने कहा कि भारत रोजगार के ज्यादा मौकों का सृजन चाहता है। ऐसे में इस बात का ख्याल रखा जाना चाहिए कि ई-वाहनों को अपनाने से रोजगार के अवसरों में गिरावट ना हो। नीति आयोग ने 2023 तक तीन पहिया गाड़ियों के लिये पूरी तरह से इलेक्ट्रिक गाड़ियों को ग्रहण करने की योजना बनाई है। इसके साथ ही 150 सीसी तक के टूवीलर गाड़ियों के लिये 2025 तक इलेक्ट्रिक गाड़ियों को अपनाया जायेगा। नीति आयोग में चीफ एडवाइजर अनिल श्रीवास्तव ने बताया कि इलेक्ट्रिक गाड़ियों की दिशा में बढ़ने के मामले में जो सबसे बड़ी समस्या है सोच में परिवर्तन लाना। श्रीवास्तव ने यह भी ऐलान किया की सरकार पहले कुछ भारतीय बैटरी विनिर्माता कंपनियों को कुछ आर्थिक मदद भी दे सकती है। नीरव मोदी के घाटे से उबरा पीएनबी, पहली तिमाही में हासिल किया शुद्ध लाभ बैंक आफ बड़ौदा को पहली तिमाही में हुआ इतने करोड़ रुपये का मुनाफा रेल मंत्री बोले, फिलहाल किराया बढ़ाने की कोई योजना नहीं