नई दिल्ली: दिल्ली के पटपड़गंज में मंगलवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चुनावी रैली में आम आदमी पार्टी और बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। एक वक्त था जब राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल 2024 के लोकसभा चुनावों में साथ खड़े नजर आते थे। दोनों एक-दूसरे को ईमानदारी और देशभक्ति का प्रतीक बताते थे। लेकिन दिल्ली चुनाव आते ही गठबंधन टूट गया और दोनों दलों के नेता अब एक-दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं। यही राजनीति की सच्चाई है—जहां कल के साथी आज एक-दूसरे के सबसे बड़े आलोचक बन जाते हैं।
राहुल गांधी ने रैली में बीजेपी और आरएसएस पर हमला करते हुए कहा कि ये दल भाई को भाई से लड़ाते हैं। उन्होंने कहा, "हमें नफरत के इस बाजार में मोहब्बत की दुकान खोलनी है। हम नफरत का हिंदुस्तान नहीं चाहते, हमें संविधान का हिंदुस्तान चाहिए।" राहुल ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने खुले तौर पर संविधान बदलने की मंशा जाहिर की थी और इसके लिए उन्होंने संसद और राष्ट्रपति जैसे संवैधानिक पदों का भी सम्मान नहीं किया।
राहुल ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को निशाने पर लेते हुए कहा, "भागवत ने कहा कि देश को आजादी मोदी के आने के बाद मिली। ये संविधान और बाबा साहेब आंबेडकर का अपमान है। राम मंदिर का उद्घाटन हुआ, लेकिन वहां किसी गरीब को जगह नहीं मिली। राष्ट्रपति आदिवासी हैं, लेकिन उन्हें भी वहां नहीं बुलाया गया। ये संविधान की मूल भावना का उल्लंघन है, जो कहता है कि सभी नागरिक समान हैं।"
राहुल ने अरविंद केजरीवाल पर भी तीखा हमला किया। उन्होंने कहा, "जब अरविंद केजरीवाल राजनीति में आए, तो कहा था कि वो नई तरह की राजनीति करेंगे और दिल्ली को बदल देंगे। एक वक्त वे बिजली के पोल पर चढ़ गए थे, लेकिन जब दिल्ली को उनकी सबसे ज्यादा जरूरत थी, तब वो कहीं नजर नहीं आए।" राहुल ने दिल्ली में हुए शराब घोटाले का जिक्र करते हुए कहा, "केजरीवाल जो खुद को ईमानदार कहते हैं, उनकी सरकार ने दिल्ली में सबसे बड़ा शराब घोटाला किया। पहले उनके पास एक छोटी सी कार थी और आज वो शीशमहल में रहते हैं।"
रैली में राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी और उनके करीबी माने जाने वाले उद्योगपति अडानी पर भी जमकर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, "ये सरकार डर फैलाकर लोगों को बांटना चाहती है। जो धन आपका है, उसे आपकी जेब से निकालकर अडानी जैसे अरबपतियों को दे रही है। अडानी की कंपनियां असल में पीएम मोदी के नियंत्रण में हैं।"
पटपड़गंज से कांग्रेस के उम्मीदवार अनिल चौधरी ने भी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा, "यह चुनाव नफरत और मोहब्बत के बीच है। पटपड़गंज के लोगों ने शराब माफियाओं को भगा दिया, अब नफरत फैलाने वालों को भी भगाना है। मुझे पूरा भरोसा है कि मोहब्बत और कांग्रेस की विचारधारा जीतकर रहेगी।"
दिलचस्प बात यह है कि कुछ महीने पहले तक राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल के सुर एक जैसे थे। दोनों नेता एक-दूसरे को कट्टर ईमानदार और देश के लिए समर्पित बताते थे। लेकिन दिल्ली चुनावों के आते ही यह गठबंधन टूट गया। अब दोनों एक-दूसरे पर भ्रष्टाचार और झूठे वादों के आरोप लगा रहे हैं। यह राजनीति का ही खेल है, जहां दोस्ती और दुश्मनी, दोनों ही सत्ता की जरूरतों के हिसाब से तय होती हैं।
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