'पहले सिर्फ 60 घाट थे, अब 1000..', दिल्ली में छठ पर सियासत, क्या बोलीं आतिशी?

नई दिल्ली: दिल्ली में छठ पूजा की तैयारियों को लेकर बीजेपी और आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच जुबानी जंग चल रही है। सोमवार को, मुख्यमंत्री आतिशी ITO स्थित छठ घाट पर गईं और वहां की तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि छठ पर्व के दौरान सभी व्यवस्थाएं सुचारू रहें। 

सीएम आतिशी ने कहा कि पिछले आठ सालों से छठ पूजा दिल्ली में धूमधाम से मनाई जा रही है। उन्होंने बताया कि जब से अरविंद केजरीवाल की सरकार आई है, तब से पूर्वांचल के लोगों के लिए बेहतर इंतजाम किए गए हैं। 2014 में दिल्ली में केवल 60 घाट बनाए गए थे, लेकिन इस साल आम आदमी पार्टी ने 1000 से अधिक कृत्रिम छठ घाट बनाए हैं। इस दौरान, बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। दोनों पार्टियां एक-दूसरे पर छठ पूजा के लिए व्यवस्थाओं में बाधा डालने का आरोप लगा रही हैं। यह मुद्दा सियासी दृष्टि से महत्वपूर्ण है क्योंकि उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के लोग बड़ी संख्या में दिल्ली में रहते हैं और ये मतदाता प्रभावशाली हैं। दिल्ली में विधानसभा चुनाव अगले साल फरवरी में होने वाले हैं, इसलिए छठ पूजा का महत्व और बढ़ गया है।

AAP के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि बीजेपी छठ माईया का अपमान कर रही है और चिराग दिल्ली पार्क में व्यवस्थाओं में बाधा डाल रही है। शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बीजेपी सांसद बांसुरी स्वराज पर आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार ने छठ पूजा के लिए सभी आवश्यक अनुमतियां दी थीं और धन आवंटित किया था, लेकिन बीजेपी के लोग श्रद्धालुओं को घाटों तक पहुंचने से रोक रहे हैं। वहीं, बीजेपी ने आरोप लगाया कि भारद्वाज और उनके लोग चिराग दिल्ली गांव के सतपुला DDA पार्क में व्यवस्थाओं में रुकावट डाल रहे हैं। दिल्ली बीजेपी ने कहा कि स्वराज के हस्तक्षेप के बाद ही व्यवस्थाओं को फिर से शुरू किया जा सकता है।

दिल्ली में 7 नवंबर को छठ पूजा के लिए सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की गई है। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इस दिन को सार्वजनिक अवकाश घोषित करने का अनुरोध किया था, जिसे मुख्यमंत्री ने मंजूरी दी। इससे पहले छठ पूजा दिल्ली सरकार के प्रतिबंधित छुट्टियों की सूची में शामिल थी। छठ महापर्व चार दिनों तक चलेगा, जिसकी शुरुआत 5 नवंबर से होगी और इसका समापन 8 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ होगा। इस दौरान, दिल्ली के छठ घाटों पर विशेष व्यवस्थाएं की जाएंगी ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो। छठ पूजा का विशेष महत्व पूर्वांचल और बिहार के लोगों के लिए है, इसलिए सभी राजनीतिक दल इस पर ध्यान दे रहे हैं।

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