इसलिए आते है भूकंप पूरी धरती 12 टैक्टोनिक प्लेटों पर स्थित है. इसके नीचे तरल पदार्थ लावा मौजूद है. यह प्लेटें इसी लावे पर तैर रही हैं और इनके टकराने से ऊर्जा निकलती है जिसे भूकंप कहते हैं. दरअसल ये प्लेंटे बेहद धीरे-धीरे घूमती रहती हैं. इस प्रकार ये हर साल 4-5 मिमी अपने स्थान से कुछ खिसक जाती हैं. इस दौरान कभी कभी कोई प्लेट दूसरी प्लेट के निकट जाती है तो कोई दूर हो जाती है. ऐसे में कभी-कभी ये टकरा भी जाती हैं. यह देश है सबसे ज्यादा भूकंप से पीड़ित 1- जापान भूकंप से सबसे ज्यादा पीड़ित जापान है यह बेहद संवेदनशील देश है. इसका कारण है यहां मिलने वाली धरती की सबसे अशांत टेक्टोनिक प्लेट्स. ये प्लेटें एक अभिकेंद्रित सीमा बनाती हैं. जिसके कारण जापान दुनिया के सर्वाधिक भूकंपों का केन्द्र बन जाता है. बता दें कि जापान में हर साल छोटे-बड़े करीब एक हजार से ज्यादा भूकंप आते हैं. 2- न्‍यूजीलैंड दुनिया में सबसे ज्यादा भूकंप जापान में आते है इसके बाद कसी देश का नाम आता है तो वह है न्‍यूजीलैंड. न्‍यूजीलैंड में हर साल कई छोटे बड़े भूकंप आते हैं. क्‍यों‍कि ये भी जापान की तरह ही पेसिफिक रिंग ऑफ फायर के क्षेत्र में आता है. 3- अलास्‍का भूकंप के मामले मे रिंग ऑफ फायर का असर अलास्‍का में भी दिखाई पड़ता है. यहां सामान्‍य से अधिक संख्‍या में भूकंप आते है रिंग ऑफ फायर के क्षेत्र में आने से अलास्‍का में भूकंप आने की संख्‍या अधिक है. 4- उत्‍तर अमेरिका भूकंप के लिहाज़ से उत्‍तर अमेरिका और दक्षिणी अमेरिका भी रिंग ऑफ फायर में ही आता है. जिस वजह से यहां अन्‍य देशों के मुकाबले जल्‍दी भूकंप आते हैं. यहां हर साल कई छोटे और बड़े भूकंप आते हैं. 5- ताइवान जैसा की हमने आपको बताया पेसिफिक प्लेट, फिलिपींस प्लेट और अमरीकी प्लेट के नीचे जाने की वजह से जापान पेसिफिक रिंग ऑफ फायर के क्षेत्र में रहता है. इस रिंग ऑफ फायर का असर ताइवान में भी पड़ता है जिसकी वजह से यहां कई छोटे और बड़े भूकंप आते हैं. कनाडा, पापुआ न्यू गिनी, रूस, अमेरिका, पेरू जैसे देश भी इसी सीमा में आते हैं. खबरे और भी.... अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जॉन मैकेन का निधन सऊदी अरब: हज यात्रा में पाकिस्तान के 42 यात्रियों की मौत चीन के होटल में भीषण आग, 19 लोगों की मौत यौन शोषण मामलों में घिरा वेटिकन चर्च, पोप फ्रांसिस पहुंचे आयरलैंड ट्रंप पर लगा 'शांति विरोधी' होने का आरोप, यह है वजह