ईस्टर डे ईसाइयों के लिए बहुत महत्व रखता है। जी हाँ और ये ईसाइयों का एक बड़ा पर्व है। जी दरअसल ऐसा माना जाता है कि प्रभु ईसा मसीह की मृत्यु के बाद आज के दिन ईसा मसीह (Easter Day 2022) फिर से जीवित हो उठे थे। इस वजह से इस पर्व को धूमधाम से मनाया जाता है। आप सभी को बता दें कि इस साल ईस्टर डे 17 अप्रैल यानी आज संडे के दिन मनाया जा रहा है।जी हाँ और इसे ईस्टर संडे भी कहा जाता है। आप सभी को बता दें कि ऐसा इसलिए क्योंकि गुड फ्राइडे को ईसा मसीह की मृत्यु हुई थी। जब तीसरे दिन प्रभु ईसा मसीह दोबारा जीवित हुए तब संडे था। इस रविवार को ईस्टर संडे (Easter Sunday) भी कहा जाता है। वहीँ इस दिन बड़ी संख्या में लोग चर्च जाते हैं और इस दिन की खुशी मनाते हैं। क्यों मनाया जाता है ईस्टर डे पर्व- ईसाई धर्म की मान्यताओं अनुसार राजद्रोह के आरोप में गुड फ्राइडे के दिन ईसा मसीह को सूली पर लटका दिया गया था। जी हाँ और इसके तीन दिन बाद यानी ईस्टर डे या ईस्टर संडे के दिन ईसा मसीह फिर से जीवित हो उठे थे। वहीँ इसके बाद ईसा मसीह 40 दिनों तक अपने शिष्यों के बीच रहे। कहते हैं प्यार और सत्य बांटने के लिए ईसा मसीह ने दोबारा जन्म लिया था। करीब 40 दिन के बाद वे हमेशा के लिए स्वर्ग चले गए थे। जी हाँ और यही कारण है कि इस्टर पर्व 40 दिनों तक मनाया जाता है। इस दिन को असत्य पर सत्य की जीत के रूप में मनाया जाता है। कैसे मनाया जाता है ईस्टर- ईस्टर पर्व का पहला हफ्ता ईस्टर वीक कहा जाता है। जी दरअसल इस दिन लोग चर्च जाते हैं और प्रार्थना करते हैं, इसी के साथ व्रत रखते हैं। इस दिन चर्चों को बहुत ही खूबसूरत तरीके से सजाया जाता है। केवल यही नहीं बल्कि इस दिन लोग मोमबत्तियां जलाते हैं। घरों को मोमबत्तियों से सजाया जाता है। लोग बाइबल पढ़ते हैं। कहते हैं कि ईसा मसीह ने खुद उन लोगों को माफ कर दिया था जिन्होंने उन्हें कष्ट पहुंचाया था। इस वजह से इस पर्व को हिंसा पर अहिंसा की जीत के रूप में भी मनाया जाता है। जी दरअसल यह पर्व शत्रुता भुलाकर क्षमा का संदेश देता है। ईस्टर पर अंडे का महत्व- इस दिन लोग अंडे बहुत खूबसूरती से सजाते हैं और इसके बाद इन्हें एक दूसरे को गिफ्ट करते हैं। जी दरअसल मान्यता है कि अंडे अच्छे दिनों की शुरुआत का संदेश देते हैं। आपको बता दें कि ईस्टर के दिन माता पिता अपने बच्चों से रंगीन अंडे छिपाते हैं। इन्हें बच्चों को ढूंढना होता है। 17 अप्रैल से आरम्भ हो रहा है वैशाख, जानिए इस महीने में पड़ने वाले व्रत त्यौहार श्री राम की वजह से संकटमोचन को पसंद है सिंदूर, पढ़े पौराणिक कथा इस मंदिर में पत्नी संग विराजमान हैं श्री हनुमान, जानिए उनके विवाह की पौराणिक कथा