इन दिनों ताज़े भुट्टे बाज़ार में आ रहे है और बारिश में गरमा गरम भुट्टे खाने का मजा ही कुछ और है. नर्म भुट्टों को भूनकर घी या निम्बू-नमक लगाकर खाए. इससे दांत और जबड़े मज़बूत होते है. जब भी भुने हुये भुट्टे खायें तो पहले दानो को खाकर बचे हिस्से को फेकें नही बल्कि उसे बीच से दो टुकडो मे तोड़ लें और फिर अंदर वाले भाग को सूंघे. इससे दाने जल्दी से पच जाते हैं. भुट्टे थोड़े कड़े हो तो इसके दानों को कद्दूकस कर उसका उपमा की तरह स्वादिष्ट व्यंजन बनता है या उसमे थोड़ा सा बेसन डाल कर गरमा गर्म पकौड़ियाँ बन जाती है. किसी को उबला भुट्टा पसंद है , किसी को उसकी करी. ताज़े भुट्टों को कद्दूकस कर सूप में मिलाएं तो अलग ही स्वाद आता है. भुट्टे से मीठा हलवा भी बनता है. आयुर्वेद के अनुसार भुट्टा तृप्तिदायक, वातकारक, कफ, पित्तनाशक, मधुर और रुचि उत्पादक अनाज है. इसकी खासियत यह है कि पकाने के बाद इसकी पौष्टिकता बढ जाती है. पके हुए भुट्टे में पाया जाने वाला कैरोटीनायड विटामिन-ए का अच्छा स्रोत होता है. भुट्टे को पकाने के बाद उसके 50 प्रतिशत एंटी-ऑक्सीअडेंट्स बढ़ जाते हैं. ये बढती उम्र को रोकता है और कैंसर से लड़ने में मदद करता है. पके हुए भुट्टे में फेरूलिक एसिड होता है जो कि कैंसर जैसी बीमारी में लड़ने में बहुत मददगार होता है.