कोबरा जैसे खतरनाक और विषैले जानवर को खाने का ख्याल सुनकर आप चौंक सकते हैं, लेकिन चीन और इंडोनेशिया जैसे देशों में इसे खाने की परंपरा काफी पुरानी है। लोग इसे बड़े चाव से खाते हैं, और इसके कई स्वास्थ्य लाभ भी माने जाते हैं। चलिए जानते हैं, इन देशों में लोग कोबरा कैसे खाते हैं और इसे खाने का क्या महत्व है। कोबरा खाने की परंपरा: चीन और इंडोनेशिया: चीन में कोबरा को विभिन्न तरीकों से पकाया जाता है, जैसे सूप, स्टर-फ्राई या भुना हुआ रूप में। इसे ताकत बढ़ाने वाला भोजन माना जाता है। कोबरा के मांस के अलावा, उसका विष भी कुछ बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल किया जाता है। यहां की पारंपरिक चिकित्सा में कोबरा का मांस हृदय रोग, अस्थमा और अन्य बीमारियों के उपचार के लिए फायदेमंद माना जाता है। इसके अलावा, कोबरा के मांस को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाला भी कहा जाता है। इंडोनेशिया में भी कोबरा को खाने की गहरी परंपरा है। वहां के लोग त्योहारों और खास अवसरों पर इसे खाते हैं। कोबरा को ग्रिल किया जाता है, स्टर-फ्राई किया जाता है या कच्चा परोसा जाता है, खासतौर से साशिमी के रूप में। यहां कोबरा खाने का मतलब साहस और वीरता का प्रतीक माना जाता है। कई जनजातियों के लिए इसे खाना ताकत और बहादुरी का संकेत होता है। मगरमच्छ का शिकार और खेती: थाईलैंड का मामला: अगर आप सोच रहे हैं कि केवल कोबरा ही खाने में इस्तेमाल होता है, तो आपको जानकर हैरानी होगी कि थाईलैंड में लोग मगरमच्छ को भी बड़े शौक से खाते हैं। यहां मगरमच्छों की खेती बड़े पैमाने पर होती है। लगभग 1000 से अधिक फर्म हैं, जहां 12 लाख से ज्यादा मगरमच्छों को रखा जाता है। इन मगरमच्छों को कानूनी तौर पर काटने और उनका मीट, खून और स्किन बेचने की अनुमति मिली हुई है। यहां मगरमच्छ का मीट लगभग 570 रुपये प्रति किलो बिकता है, जबकि खून 1000 रुपये किलो तक जाता है। मगरमच्छ का पित्त सबसे महंगा होता है, जिसकी कीमत 76 हजार रुपये प्रति किलो तक होती है। यहां तक कि मगरमच्छ की स्किन से बने बैग्स और लेदर सूट्स भी लाखों रुपये में बिकते हैं। मगरमच्छ पर्यटन: थाईलैंड की ये फर्में टूरिस्ट्स के बीच भी काफी लोकप्रिय हैं। लोग यहां मगरमच्छ की खेती को देखने आते हैं, और ये परंपरा पिछले 35 सालों से चल रही है। साहस और ताकत का प्रतीक: चीन और इंडोनेशिया में कोबरा और मगरमच्छ जैसे खतरनाक जानवरों को खाने का मतलब केवल भोजन करना नहीं, बल्कि अपने साहस और ताकत का प्रदर्शन करना होता है। इन जानवरों का मांस उनके लिए शक्ति और वीरता का प्रतीक होता है। यहां के लोग इसे अपने खास मसालों और तरीके से पकाते हैं, जिससे इसका स्वाद और भी अनोखा हो जाता है। विधायक दल की बैठक से पहले ही अखबारों में छप गया शपथ ग्रहण का विज्ञापन पिता हरिवंशराय की पहली पत्नी पर अमिताभ बच्चन ने की खुलकर बात, जानिए क्या कहा? हरियाणा का झगड़ा सुलझाएंगे अमित शाह और मोहन यादव, बनाए गए पर्यवेक्षक