आजकल चाऊमीन, पिज्जा, बर्गर, पेस्ट्री और केक जैसे फूड्स युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय हो गए हैं। ये सभी अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड्स की श्रेणी में आते हैं। हालांकि ये फूड्स खाने में स्वादिष्ट होते हैं, लेकिन इनके स्वास्थ्य पर गंभीर दुष्प्रभाव हो सकते हैं। डॉक्टर इनसे दूरी बनाने की सलाह देते हैं। चलिए जानते हैं कि ये प्रोसेस्ड फूड्स आपकी सेहत को किस तरह प्रभावित कर सकते हैं। प्रोसेस्ड फूड्स का सेहत पर असर प्रोसेस्ड फूड्स में क्या होता है? प्रोसेस्ड फूड्स में अक्सर स्वीटनर्स, कलर्स, थिकनर्स और एडिक्टिव्स का इस्तेमाल किया जाता है। ये तत्व गट माइक्रोबायोटा को असंतुलित कर सकते हैं, जिससे इंफ्लामेशन और इटिंग डिसऑर्डर का रिस्क बढ़ सकता है। इसके परिणामस्वरूप ब्लोटिंग, डायरिया और पेट दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं। प्रोसेस्ड फूड्स ब्रेन फंक्शनिंग पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। प्रोसेस्ड फूड्स के साइड इफेक्ट्स डायबिटीज का खतरा प्रोसेस्ड फूड्स में उच्च मात्रा में फैट्स और शुगर होती है, जो डायबिटीज के खतरे को बढ़ा सकती है। एक रिपोर्ट के अनुसार, जो लोग अपनी डाइट का 22% हिस्सा प्रोसेस्ड फूड्स से भरते हैं, उनमें डायबिटीज का खतरा अधिक रहता है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की रिपोर्ट बताती है कि हफ्ते में 2-3 बार जंक फूड खाने से इंसुलिन रेजिस्टेंस का रिस्क बढ़ सकता है। वजन बढ़ना उच्च शुगर, फैट्स और कार्ब्स से भरपूर प्रोसेस्ड फूड्स से शरीर में कैलोरीज़ बढ़ जाती हैं, जिससे मोटापे का खतरा बढ़ता है। रिफाइंड कार्ब्स, एडेड शुगर और ट्रांस और सेचुरेटेड फैट्स की अधिक मात्रा से हार्मोनल असंतुलन पैदा होता है, जिससे आलस्य और वेट गेन की समस्याएं बढ़ सकती हैं। नियमित रूप से प्रोसेस्ड फूड्स खाने से लाइफस्टाइल डिसऑर्डर जैसी समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं। हार्ट संबंधी समस्याएं प्रोसेस्ड फूड्स में मौजूद वसा कार्डियोवस्कुलर डिजीज के खतरे को बढ़ा देती है। फूड एडिटिव्स से शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाता है, जिससे हार्ट अटैक, स्ट्रोक और हाइपरटेंशन का जोखिम बढ़ सकता है। हार्वर्ड हेल्थ की रिपोर्ट के अनुसार, 20,000 लोगों पर किए गए एक अध्ययन में, जिन्होंने 10 साल तक प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन किया, उनमें 62% लोगों को हृदय संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ा। बार-बार खाने की क्रेविंग प्रोसेस्ड फूड्स में अनहेल्दी फैट्स, शुगर, ऑयल, केमिकल्स और नमक की अधिक मात्रा होती है, जिससे खाने की क्रेविंग खत्म नहीं होती। हमेशा कुछ न कुछ खाने की इच्छा बनी रहती है, जो इटिंग डिसऑर्डर का कारण बन सकती है। यह शारीरिक और मानसिक सेहत को प्रभावित कर सकता है। मेटाबॉलिज्म पर असर प्रोसेस्ड फूड्स से शरीर में एंप्टी कैलोरीज़ बढ़ जाती हैं, जिससे डाइजेशन कमजोर हो सकता है और ब्लोटिंग, पेट दर्द, और एसिडिटी की समस्याएं बढ़ सकती हैं। शुगर एडेड ड्रिंक, व्हाइट ब्रेड, चिप्स और वेफर्स खाने से पाचन तंत्र प्रभावित हो सकता है और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल प्रॉब्लम्स हो सकती हैं। स्किन की समस्याएं शुगरी, ऑयली और रिफाइंड कार्ब्स से भरे प्रोसेस्ड फूड्स स्किन पर सीबम सिक्रीशन बढ़ा सकते हैं, जिससे मुंहासों की समस्या हो सकती है। इसके अलावा, ऑयली स्किन का सामना करना पड़ सकता है। रोजाना प्रोसेस्ड फूड्स से त्वचा पर एजिंग के संकेत नजर आने लगते हैं, जिससे कम उम्र में ही बूढ़ा दिखने की संभावना बढ़ जाती है। प्रोसेस्ड फूड्स भले ही खाने में स्वादिष्ट होते हैं, लेकिन इनके स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव बहुत गंभीर हो सकते हैं। इनसे बचना और संतुलित आहार लेना सेहत के लिए फायदेमंद होता है। अगर आप स्वस्थ जीवन जीना चाहते हैं, तो प्रोसेस्ड फूड्स से दूरी बनाकर रखना ही बेहतर है। असम में TATA का सेमीकंडक्टर प्लांट, 26000 लोगों को मिलेगा रोज़गार ऑयल इंडिया में नौकरी पाने का सुनहरा मौका, 80000 तक मिलेगी सैलरी 10वीं-12वीं पास के लिए नौसेना में निकली बंपर भर्ती, फटाफट कर लें आवेदन