नई दिल्ली। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा इलेक्ट्राॅनिक वोटिंग मशीनों में गड़बड़ियों की बातें मानने से इन्कार कर दिए जाने के बीच यह जानकारी सामने आई है कि चुनाव आयोग ने ईवीएम में मौजूदा माहौल में सरकार से अपील की गई है कि ईवीएम में उपयोग की जाने वाली पेपर ट्रेल मशीनों की समबद्ध खरीदी करने के लिए चुनाव आयोग को धन जारी कर दिया जाए। इससे वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में मशीनों का उपयोग बेहतर तरीके से हो। इसके लिए चुनाव आयोग ने कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद को ताजा पत्र लिखा। मिली जानकारी के अनुसार मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने कहा कि अवमानना याचिका की सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने आयोग को समयसीमा तय करने के लिए निर्देशित किया है। दरअसल न्यायालय ने निर्देश दिया है कि वीवीपीएटी की पूरी प्रणाली कितने समय में अपनाई जा सकती है यह बताया जाए। हालांकि मुख्य चुनाव आयुक्त ने यह साफ नहीं कहा कि वर्तमान माहौल से उनका अभिप्राय क्या है। मगर संभावना जताई जा रही है कि चुनाव आयोग चुनावों के बाद विपक्षी दलों द्वारा कथित तौर पर लगाए जाने वाले आरोपों को लेकर बात कर रहा था। गौरतलब है कि पंजाब, उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 के बाद परिणाम सामने आने पर आम आदमी पार्टी और बसपा प्रमुख मायावती ने ईवीएम के उपयोग में गड़बड़ियों का हवाला देकर चुनावी प्रक्रिया पर सवाल उठाए थे। जिसके बाद चुनाव आयोग ने ईवीएम को पारदर्शी और सही बताया था लेकिन इस मसले पर सर्वोच्च न्यायालय ने सवाल किए थे। अब चुनाव आयोग ने सरकार से अपील की है कि पेपर टेªेल मशीन की खरीदी के लिए धन जारी किया जाए। गौरतलब है कि फरवरी वर्ष 2017 तक वीवीपीएटी की आपूर्ति का आॅर्डर जारी नहीं हुआर तो फिर वर्ष 2018 के सितंबर माह तक आगामी चुनाव की तैयारियां सही तरह से नहीं हो सकेंगी और फिर वीवीपीएटी मशीन की खरीदी नहीं हो पाएगी। गौरतलब है कि आने वाले समय में 16 लाख से भी अधिक पेपर ट्रेल मशीन की जरूरत होगी। ऐसे में इसकी खरीदी और ईवीएम के साथ असेंबलिंग में कुछ समय लगेगा। केंद्र सरकार और ईसी को EVM को लेकर 8 मई तक देना होगा जवाब CMकेजरीवाल ने की एमसीडी इलेक्शन में वीवीपैट युक्त मशीन से निर्वाचन की मांग पूर्व पार्षद के पास निकले 30 करोड़ रुपए के पुराने नोट