भोपाल: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री श्री बंशीलाल गुर्जर ने कहा कि कांग्रेस का लोकतंत्र पर से भरोसा उठ गया है। देश की सबसे पुरानी पार्टी अब मां बेटे की पार्टी बनकर रह चुकी है। कांग्रेस के आंतरिक लोकतंत्र में परिवारवाद इस कदर हावी हो चुका है कि चुनाव आयोग को विवश होकर जून 2017 तक पार्टी अध्यक्ष और अन्य शेष पदों पर चुनाव करने के सख्त आदेश देने पड़े। चुनाव आयोग के आदेश से कांग्रेस के परिवारवाद की पोल खुल चुकी है। उन्होंने कहा कि परिवार में ही कांग्रेस की सियासत की विरासत सिमट कर रह गयी है। नियमित चुनाव होने से संगठन में नए विचारों का संचार होता है। नए पदाधिकारी तैयार होते है, लेकिन यह देश का दुर्भाग्य है कि देश के सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस ने संगठन चुनाव करना ही बर्दाश्त नहीं किया। इसी से साबित होता है कि कांग्रेस में न तो अंदरूनी लोकतंत्र है और न जनता पर विश्वास है। इसलिए कांग्रेस अब विचार शून्य, सत्ता लोलुप पार्टी बनकर रह गयी है। श्री बंशीलाल गुर्जर ने कहा कि श्रीमती इंदिरा गांधी और श्री राजीव गांधी के अवसान के बाद 1998 में श्रीमती सोनिया गांधी ने कांग्रेस की बागडोर संभाली और 2017 तक स्वनाम धन्य अध्यक्ष बनी हुई है। न तो विकल्प की तलाश हुई न विकल्प तैयार होने दिया गया, जिससे वरिष्ठ कांग्रेसी नेता या तो कांग्रेस के अंचल से बाहर जा चुके है अथवा कुंठाग्रस्त हो गए है। आखिरी बार 2010 चुनाव का प्रायोजित आयोजन हुआ उसके बाद मनोनयन का अनंत सिलसिला जारी है। श्री राहुल गांधी महासचिव से लेकर उपाध्यक्ष तक पदोन्नत हो चुके है और उन्हीं के हाथ में पतवार सौंपे जाने के लिए कांगे्रस के महाअधिवेशन का इंतजार है। विचार शून्य, नेतृत्व विहीन और सत्ता लोलुपता ने कांग्रेस को डूबता हुआ जहाज बनाकर रख दिया है। कांग्रेस रचनात्मक विपक्षी दल बनने के बजाए सत्ता पाने के अवसाद में दिशाहीन बन चुकी है। और पढ़े- राहुल ने कहा विचारधारा से है मेरी लड़ाई चुनाव के 48 घंटे पहले ही बेन हो जाऐंगे Exit Polls गठनबंधन के बाद राहुल अखिलेश का पहला रोड शो शिवपाल बनाएँगे नई पार्टी, जसवंत नगर से भरा नामांकन