नई दिल्लीः देश में चल रही आर्थिक मंदी के कारण सरकार विपक्ष के निशाने पर है। मंदी के कारण उद्योग धंधे हलकान पड़े हैं। सरकार भी समय - समय पर राहत भड़े कदमों का ऐलान करती है। मगर अर्थशास्त्रियों का मानना है कि सरकार को खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है। पूर्व मुख्य सांख्यिकीविद प्रणब सेन का कहना है कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में मांग को बढ़ावा देने के लिए पीएम-किसान योजना, मनरेगा, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी केंद्र-संचालित योजनाओं की राशि खर्च करने पर विशेष जोर दिया जाना चाहिए। यदि इन योजनाओं के लिए धनराशि अधिक आवंटन करने की जरूरत पड़े तो उससे भी नहीं हिचकना चाहिए। सेन के अनुसार भले ही सरकार को राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं को एक दो साल के लिए स्थगित करना पड़े, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र की योजनाओं पर अधिकाधिक राशि खर्च करनी चाहिए। सेन का यह कथन इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से जुलाई के दौरान गांव और किसान से संबंधित योजनाएं चलाने वाले मंत्रलयों की बजट राशि खर्च करने की रफ्तार कम रही है। ग्रामीण विकास मंत्रलय का चालू वित्त वर्ष का कुल बजट लगभग एक लाख बीस हजार करोड़ रुपये है। लेकिन अप्रैल से जुलाई की अवधि में मंत्रलय ने लगभग 42 हजार रुपये ही खर्च किए हैं, जो बजटीय आवंटन का 35 प्रतिशत है। कृषि संकट के कारण ग्रामीण अर्थव्यवस्था की हालत खराब हो चुकी है। केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, पांच दिन पहले ही अकाउंट में आ जाएगी सैलरी शेयर बाजार में आई रौनक, 1300 अंक बढ़कर खुला सेंसेक्स Howdy Modi कार्यक्रम देख गदगद हुए आनंद महिंद्रा, कहा- बदल गई अमेरिकियों की धारणा