नई दिल्ली: केंद्रीय जांच एजेंसी, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने हाई प्रोफाइल नेशनल हेराल्ड केस में दिल्ली और कोलकाता सहित 12 जगहों पर छापेमारी की कार्रवाई की है। ED ने दिल्ली स्थित National Herald के कार्यालय पर भी रेड मारी है। जांच एजेंसी ने नेशनल हेराल्ड मामले में हाल ही में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से पूछताछ भी की थी। इतना ही नहीं इससे पहले जांच एजेंसी राहुल गांधी से भी इस मामले में पूछताछ कर चुकी है। कांग्रेस ने ED की इस पूछताछ का विरोध करते हुए देशभर में जमकर हंगामा किया था। बताया जा रहा है कि ED की रेड के दौरान नेशनल हेराल्ड के ऑफिस में सिक्योरिटी गार्ड के अलावा कोई भी मौजूद नहीं है। वहीं, कांग्रेस सांसद उत्तम रेड्डी ने ED की कार्रवाई को लेकर कहा है कि यह हैरान करने वाला है। यह सियासी प्रतिशोध के अलावा कुछ भी नहीं है। क्या है नेशनल हेराल्ड केस? भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने 2012 में ट्रायल कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए आरोप लगाया था कि कुछ कांग्रेसी नेताओं ने गलत तरीके से यंग इंडियन लिमिटेड (YIL) के माध्यम से एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड का अधिग्रहण किया है। उन्होंने आरोप कजाते हुए कहा था कि यह सब कुछ दिल्ली में बहादुर शाह जफर मार्ग पर स्थित हेराल्ड हाउस की 2000 करोड़ रुपये की ईमारत पर कब्जा करने के लिए किया गया था। साजिश के तहत यंग इंडियन लिमिटेड को AJL की संपत्ति का अधिकार दिया गया है। Koo App ED द्वारा हेराल्ड हाउस पर छापेमारी केन्द्र सरकार की बौखलाहट का प्रतीक है। श्रीमती सोनिया गांधी एवं श्री राहुल गांधी को पूछताछ के नाम पर प्रताड़ित करने के बाद ED अब फेस सेविंग के लिए इस तरह की कार्रवाई कर रही है। इस पूरे मामले में कोई मनी ट्रांजेक्शन ही नहीं हुआ तो मनी लॉन्ड्रिंग कैसे हो सकती है। ED ने जुलाई, 2015 में इस केस को बन्द कर दिया था परन्तु केन्द्र सरकार ने उस समय के जांच अधिकारी का तबादला कर नए अधिकारियों पर दबाव डाला और बदले की भावना से कार्रवाई शुरू की। 1/2 - Ashok Gehlot (@gehlotashok) 2 Aug 2022 Koo App ED के माध्यम से केन्द्र सरकार चाहे कांग्रेस को बदनाम करने का कितना भी प्रयास कर ले, अंत में जीत सच्चाई की ही होगी। 2/2 - Ashok Gehlot (@gehlotashok) 2 Aug 2022 बता दें कि प्रथम पीएम जवाहर लाल नेहरू ने स्वतंत्रता सेनानियों के साथ मिलकर 1938 में नेशनल हेराल्ड की स्थापना थी। एसोसिएट्स जर्नल्स लिमिटेड (AJL) नेशनल हेराल्ड अखबार की मालिकाना कंपनी है। जिसके बाद कांग्रेस ने 26 फरवरी 2011 को इसकी 90 करोड़ रुपये की देनदारियों को अपने जिम्मे ले लिया था। इसका सीधा मतलब ये हुआ कि कांग्रेस ने इसे 90 करोड़ का कर्ज दिया था। इसके बाद 5 लाख रुपये से यंग इंडियन कंपनी स्थापित की गई, जिसमें सोनिया और राहुल की 38-38 फीसदी साझेदारी है। बाकी की 24 फीसदी साझेदारी कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडीज (दोनों अब मृतक) के पास थी। इसके बाद AJL के 10-10 रुपये के नौ करोड़ शेयर 'यंग इंडियन ' को दे दिए गए और इसके बदले यंग इंडियन को कांग्रेस के कर्ज का भुगतान करना था। 9 करोड़ शेयर के साथ यंग इंडियन को इस कंपनी के 99 फीसदी शेयर प्राप्त हो गए। इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने 90 करोड़ का कर्ज भी माफ कर दिया। यानी 'यंग इंडियन' को फ्री में AJL का स्वामित्व मिल गया। कांग्रेस ने लगाया भाजपा पर सरकार अस्थिर करने का आरोप, अर्जुन मुंडा ने दिया करारा जवाब सरकार का बड़ा फैसला, अब इन 3 जगहों के बदले जाएंगे नाम अल जवाहिरी की मौत के बीच दिग्गी ने दी 'ओसामी जी' पर सफाई, जानिए क्या कहा?