कोलकाता: 13 सितंबर को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) राशन घोटाले की जांच के तहत पश्चिम बंगाल में कई जगहों पर छापेमारी की। कोलकाता के चक्रबेरिया और बसंती, जयनगर और कल्याणी समेत जिलों में छह अन्य जगहों पर छापेमारी की गई। ये ताजा छापे राज्य में कथित राशन घोटाले की जांच का एक हिस्सा हैं, जिसमें पूर्व खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक को पहले ही हिरासत में लिया जा चुका है। मलिक को घोटाले के सिलसिले में अक्टूबर 2023 में गिरफ्तार किया गया था और अभी भी हिरासत में हैं। इससे पहले, जुलाई में, ईडी ने पीडीएस घोटाले में अपनी जांच को आगे बढ़ाते हुए मलिक से जुड़े एक चावल मिल मालिक के आवास पर छापा मारा था। इससे पहले अप्रैल में, ईडी ने मलिक और अन्य आरोपी व्यक्तियों से संबंधित 150 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की 48 अचल संपत्तियों को जब्त किया था। इन संपत्तियों में मलिक के दो होटल और आवासीय संपत्तियां शामिल थीं, जो उस समय खाद्य और आपूर्ति विभाग के प्रभारी मंत्री थे, साथ ही चावल और आटा मिल मालिक बकीबुर रहमान और अन्य की संपत्तियां भी शामिल थीं। जब्त की गई संपत्तियों की कीमत 50.47 करोड़ रुपये है, जो कथित तौर पर घोटाले की आय से अर्जित की गई थी। इन संपत्तियों में साल्ट लेक और बोलपुर में एक आवासीय घर, करीबी सहयोगियों के पास मौजूद कई 'बेनामी संपत्तियां', कोलकाता और बेंगलुरु में बकीबुर रहमान के स्वामित्व वाले दो होटल और कई बैंक खातों में जमा राशि और सावधि जमा शामिल हैं। पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा दर्ज की गई विभिन्न एफआईआर के बाद जांच शुरू हुई, जिसमें पीडीएस वितरण के लिए राशन के अनधिकृत कब्जे और फर्जी धान खरीद में संलिप्तता का खुलासा हुआ। ईडी ने पीडीएस घोटाले से संबंधित अपराध की आय उत्पन्न करने के तीन प्रमुख तरीकों की पहचान की: खुले बाजार में राशन की हेराफेरी, पीडीएस के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले नए आटे में पुराना आटा मिलाना और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर धान की फर्जी खरीद। धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 की धारा 19 के तहत गिरफ्तारियां की गई हैं, जिनमें बकीबुर रहमान, ज्योति प्रिया मलिक, शंकर अध्या और विश्वजीत दास शामिल हैं। 18 सितंबर को बंद रहेगा जगन्नाथ मंदिर, रत्न भंडार का सर्वे करेगा पुरातत्व विभाग 'असम में वही नारे, जो बांग्लादेश में..', सीएम सरमा का सनसनीखेज दावा, कांग्रेस पर आरोप हिजाब-दाढ़ी बैन, अवैध मस्जिदों पर एक्शन..! आखिर मुस्लिम देश में ऐसा क्यों कर रही सरकार