नई दिल्ली : एक ऐसा नाम जिसे आज बच्चा-बच्चा जानता है, और जो पकड़े जाने पर महज़ कुछ ही वक़्त में छूट जाता है. जी हाँ हम बात कर रहे हैं विजय माल्या की. जिसे घोषित अपराधी करार देने की मांग आज ED यानि कि प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली की एक अदालत से की. फेरा उलंघ्घन के मामले में जारी सामान से माल्या के बचने का मामला है. अब ऐसे में यह संभावना जताई जा रही है कि इस मामले को मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दीपक सहरावत खुद ही उठाएंगे. एनके मट्टा जो कि ईडी की ओर से विशेष लोक अभियोजक हैं, उन्होंने अदालत को जानकारी दी कि, माल्या को घोषित अपराधी करार दिए जाने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचता. जानकारी दे दें कि गत 12 अप्रैल को किंगफिशर के ऑनर माल्या के खिलाफ अदालत ने गैर जमानती वारंट इश्यू किया था. इस पर अदालत ने यह भी कहा था कि माल्या की वापस स्वदेश लौटने की कोई मंशा नहीं लगती, और कानून के प्रति उन्हें कोई सम्मान नहीं है. माल्या पर कई मुक़दमे चल रहे हैं. हालांकि माल्या अभी तक किसी भी मुक़दमे के लिए पेश नहीं हुए हैं और अभी वह लन्दन में हैं. हालांकि ऐसी जानकारी भी सामने आयी थी जब खुद माल्या ने 9 सितम्बर को वापिस लौटने की इच्छा जाहिर की थी. लेकिन उनका कहना था की वह लौटने की इच्छा रखने के बावजूद लौट नहीं सकते क्योकि उनका पासपोर्ट रद्द किया जा चुका है. इस पर अदालत ने उन्हें व्यक्तिगत पेशी पर जो छूट दी थी वह रद्द कर दी थी और उन्हें 9 सितम्बर को अदालत में पेश होने के आदेश भी दिए थे. माल्या के प्रत्यर्पण में मिल सकती है निराशा बसपा व कांग्रेस समर्थकों में हुई गोलीबारी 'सुलतान' का ‘अकबर’ बेपटरी