2013 की बात है, देश का युवा सोशल मीडिया में अपने पैर जमा चुका था, युवा त्रस्त था पिछली सरकारों से. गुजरात मॉडल देश के नौजवानों की जुबान पर था. युवाओं के पास नेतृत्व के लिए कोई भी अच्छा नेता नहीं था. बीजेपी ने अपना चेहरा मौजूद पीएम नरेंद्र मोदी जी को बनाया था. अभी भी याद है शाम को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया, मोदी जी ने मंद मुस्कान के साथ फूलों से भरा हुआ हार ग्रहण किया, और सोशल मीडिया पर भूचाल आ गया, बस यही वो दौर था... देश के तमाम युवा जो पुरानी व्यवस्था, पिछली सरकार के घोटालों से परेशान थे वो सभी एकजुट हो गए और मोदी जी के प्रचार में जुट गए है. आंखों के सामने का नजारा है, मोदी जी के प्रचार में युवाओं ने खुद में देशभक्ति की एक आग जलती हुई देखी थी,युवा उस समय समझता था कि वो मोदी का प्रचार कर रहा है मतलब वो देशभक्त है, भारत जैसे देश में किसी भी नेता के लिए यह बड़े गर्व की बात होगी. देश का युवा दिन रात, चाय की घुमटी, कॉलेज, ऑफिस, गली-मोहल्ले हर जगह मोदी जी के समर्थन में प्रचार करता था. असर भी जबरदस्त हुआ, युवाओं को अपने साथ करने में कामयाब बीजेपी ने अब देश में तूफानी परिणाम से इतिहास रच दिया था, उसे किसी गठबंधन की जरूरत नहीं थी, और मोदी जी ने ऐतिहासिक शपथ ले ली, देश के तमाम युवा अब बेफिक्र हो गए है, घण्टों तकते रहते उन सड़कों के बैनरों में, अच्छे दिनों की प्यारी सी खुशबु आती थी, वाकई में देश के युवाओं का दिल जीतना कोई आसान काम न था, लेकिन मोदी ने यह कर दिखाया था. युवाओं ने अपना काम कर दिया,अब सरकारों की बारी थी, अपने किए हुए वादों की शुरुआत करने की, दिन बिते कोई बात नहीं, महीनों बिते कोई बात नहीं, साल बिता कोई बात नहीं युवा अब भी मोदी जी के साथ है, उन अच्छे दिनों के सपनों को शुरू होता देखकर, युवा मन ही मन सोचता रहता कि काश अच्छे दिन आएंगे. अब फिर साल बिता, और एक साल बिता, युवाओं ने अब ऑब्जरवेशन शुरू कर दिया था, युवा ऐसा भी नहीं था जो सडनली सरकार से बदलाव के बारे में कह रहा था असल में वो सिर्फ शुरुआत देखना चाहता है, लेकिन अफसोस युवाओं के हाथ आया कुछ नहीं, वो टकटकी लगाए देख रहा था, बेटियों के खून के धब्बें, बॉय बॉय करता हुआ रोजगार, दंगों से सजी दीवारें, अलग होता हिंदुस्तान, युवा सब कुछ देख रहा था, ये युवा बनाना जानता है तो बिगाड़ना भी जानता है, अब सरकार को चार साल हो चुके है, युवा अपनी बौद्धिक क्षमता के अनुसार बदल रहा है, कुछ युवाओं को अभी थोड़ा समय लगेगा, लेकिन अब का युवा जो बनेगा वो सहेगा नहीं, न बीजेपी सहेगा न कांग्रेस सहेगा, न मोदी न राहुल. युवाओं का मोदी ने दिल तोड़ा लेकिन अब का युवा जो देखेगा उसके हिसाब से निर्णय करेगा, इस प्रक्रिया को थोड़ा वक्त लगेगा लेकिन उम्मीद है देश का युवा जरूर जागेगा.