नई दिल्ली : केंद्र सरकार द्वारा 500 और 1000 के नोटों को चलन से बाहर किए जाने की घोषणा के बाद देशभर में हड़कंप मच गया है। देश के प्रमुख और सार्वजनिक बैंकों के कार्यालयों के बाहर ग्राहकों का जमावड़ा लगा है। लोग बैंक खुलने का इंतजार कर रहे हैं। बैंक खुलते ही लोगों का हुजूम काउंटर्स पर उमड़ पड़ेगा। हालांकि बैंकों को आज बंद किया गया है। सरकार ने पोस्ट आॅफिसेस में भी नोट्स जमा करने की सुविधा दी है लेकिन ये पोस्ट आॅफिस भी नोट कलेक्शन के लिए 9 नवंबर को नहीं खोले जाऐंगे। ऐसे में 9 नवंबर को नोट्स लौटाए नहीं जा सकेंगे। केंद्र सरकार के इस निर्णय की हर ओर सराहना हो रही है लेकिन इस निर्णय से कुछ समय के लिए बाजार में हड़कंप मच गया है। लोग 500 रूपए और 1000 रूपए के नोट खपाने के लिए बाजार में कुछ न कुछ खर्च करने में लगे हैं कोई वाहन में पैट्रोल भरवा रहा है तो दूसरी ओर कोई सराफा कारोबारी के पास जाकर सोने की खरीदी करने में लगा है। हालांकि विशेषज्ञ मान रहे हैं कि इस निर्णय से कालाधन बेकार हो जाएगा और लोगों को मजबूरन इसे सही रास्ते से जमा करवाना पड़ेगा या फिर अपने धन को बेकार होते देखना होगा। इस निर्णय का असर उत्तरप्रदेश और पंजाब राज्य के चुनाव पर भी हो सकता है विभिन्न दल अपने कार्यों को लेकर बड़े पैमाने पर धन नहीं दे सकेंगे। इतना ही नहीं 500-1000 रूपए के नकली नोट भी बड़े पैमाने पर मार्केट से विदा हो जाऐंगे। गौरतलब है कि बाजार में बड़े पैमाने पर नकली नोट्स के माध्यम से भारत की मुद्रा को नुकसान पहुंचाया जाता रहा है। मगर नोट्स के चलन से बाहर हो जाने के बाद नकली नोट भी खुद ही नष्ट हो जाऐंगे। गौरतलब है कि 31 मार्च 2016 तक 16.5 लाख करोड़ रूपए का काला धन देश में मौजूद था। इस राशि को बड़े पैमाने पर लोगों द्वारा नोट्स के तौर पर ट्रांजिक्शन की जाने वाली राशि थी।