एकादशी का पर्व 20 जुलाई को मनाया जाएगा। ऐसे में आपको बता दें कि आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को देवशयनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। देवशयनी एकादशी का विशेष महत्व होता है। जी दरअसल देवशयनी एकादशी से चार माह तक भगवान विष्णु विश्राम करते हैं। ऐसे में इस समय को चार्तुमास के नाम से भी पुकारा जाता है। आपको बता दें कि भगवान विष्णु देवशयनी एकादशी से विश्राम करते हैं और देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु का विश्राम पूरा हो जाता है। देवउठनी एकादशी कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष में पड़ती है। अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि एकादशी के दिन कौन से ऐसे काम हैं जो नहीं करने चाहिए। एकादशी के दिन कौन से काम नहीं करना चाहिए- 1। कहा जाता है इस व्रत में नमक, तेल, चावल अथवा अन्न वर्जित है। 2। कहते हैं एकादशी के व्रत के दौरान मांस खाना वर्जित है। 3। एकादशी के व्रत के दौरान मसूर की दाल खाना वर्जित है। 4। एकादशी के व्रत के दौरान चने, पालक का साग खाना वर्जित है। 5। एकादशी के व्रत के दौरान गाजर, शलजम खाना वर्जित है। 6। एकादशी के व्रत के दौरान मधु (शहद) खाना वर्जित है। 7। एकादशी के व्रत के दौरान दूसरे के घर का अन्न खाना वर्जित है। 8। एकादशी के व्रत के दौरान दोपहर में सोना वर्जित है। 9। एकादशी के व्रत के दौरान स्त्री प्रसंग करना वर्जित है। 10। एकादशी के व्रत के दौरान जुआ, सट्टा नहीं खेलना चाहिए। 11। एकादशी के व्रत के दौरान पान खाना, दातुन करना, दूसरे की निंदा करना तथा चुगली करना, गलत सोचना, बुरा सोचना, झूठ बोलना वर्जित है। 12। एकादशी के व्रत के दौरान क्रोध नहीं करना चाहिए। 13। एकादशी के व्रत के दौरान तुलसी के पत्ते नहीं तोडना चाहिए। सीएम अरविंद केजरीवाल ने फिर लगाया मक्खन, कहा- "दिल्ली में विश्व स्तरीय ड्रेनेज सिस्टम बनाएंगे।।।।" केटीआर बोले-"प्रतियोगी परीक्षाएं क्षेत्रीय भाषाओं में कराएं।।।" टीआरएस महासचिव बी वेंकटेश्वरलू ने जमीन की बिक्री पर टीपीसीसी प्रमुख ए रेवंत रेड्डी की निंदा की