मुंबई: महाराष्ट्र में राजनीतिक उथल-पुथल जारी है। एक ओर गुवाहाटी में बैठे एकनाथ शिंदे ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है, तो वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी बागी विधायकों के खिलाफ सख्त एक्शन की चेतावनी दी है। इस बीच, शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे के महाराष्ट्र के सतारा जिले में मौजूद पैतृक गांव डारे के लोगों ने उनका समर्थन किया है। एकनाथ शिंदे के गांव के लोगों का कहना है कि वे आवश्यकता पड़ने पर आम लोगों की सहायता करते हैं तथा उन्होंने अब तक जो भी फैसले लिए हैं वह सही साबित हुए हैं। लगभग 80 घरों वाले गांव के लोगों का कहना है कि वे शिंदे के साथ मजबूती से खड़े हैं तथा उन्हें जल्द ही राज्य का सीएम बनते देखना चाहते हैं। वही गांव के लोगों ने शिंदे को आम आदमी का नेता बताते हुए उनका समर्थन किया है। शिवसेना के अधिकांश MLA एकनाथ शिंदे के खेमे में आ गए हैं तथा असम की राजधानी गुवाहाटी में डेरा डाले हुए हैं, जिसके चलते महाराष्ट्र में महा विकास आघाड़ी (MVA) सरकार खतरे में घिर गई है। असम में इस वक़्त शिंदे के साथ शिवसेना के कम से कम 37 MLA एवं 10 निर्दलीय MLA हैं। शिंदे ने दावा किया है कि उनके नेतृत्व वाला समूह ही 'वास्तविक शिवसेना' है। हालांकि, 58 वर्षीय शिंदे सतारा के रहने वाले हैं, मगर उन्होंने स्वयं को मुंबई से लगे ठाणे-पालघर इलाके में शिवसेना के एक प्रमुख नेता के तौर पर स्थापित किया है। ठाणे शहर के कोपरी-पछपाखड़ी के मौजूदा MLA शिंदे को जनहित के मसलों के प्रति आक्रामक रुख के लिए जाना जाता है। इंदौर आकर गुपचुप वडोदरा गए फडणवीस, महाराष्ट्र में 'भाजपा सरकार' की कवायद तेज महाराष्ट्र में जारी सियासी संकट के बीच एकनाथ शिंदे को लेकर अठावले ने किया बड़ा ऐलान उद्धव के बाद एकनाथ शिंदे ने उठाया बड़ा कदम, इस नाम से बनाया नया गुट