लोकसभा चुनाव से पहले, महाराष्ट्र में अपनी सियासी जमीन मजबूत करने के लिए, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने जम्मू कश्मीर के दौरे पर पहुंचे हैं. यह दौर कयासबाजी के दौरान शुरू हो गया है. राजनीतिज्ञों द्वारा शिंदे के नेक्स्ट प्लान को अलग-अलग एनालिसिस किया जा रहा है. हालांकि, असली मकसद क्या है, यह कुछ-कुछ साफ दिखने लगा है. शिंदे ने श्रीनगर में अपने संगठन, शिवसेना, के 15 राज्य प्रमुखों की बैठक करने के लिए बोला था. उनके बाद, उन्होंने जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल से मुलाकात की और महाराष्ट्र भवन के लिए जमीन देने का आग्रह किया. चलिए, महाराष्ट्र की राजनीति में इसके क्या महत्व हैं, इसे जानते हैं... महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने रविवार को कश्मीर के श्रीनगर में अपनी पार्टी के 15 राज्यों के पदाधिकारियों के साथ एक बैठक को पूरा किया. इस दौरान, उन्होंने उनसे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सहायता से शिवसेना को मजबूत करने और संगठन का विस्तार करने के लिए काम करने को कहा. दोनों दलों का महाराष्ट्र में गठबंधन है और सरकार को अपने दांग से चल रहे है. शिंदे के बयान के अनुसार, श्रीनगर में हुई बैठक में बिहार, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, झारखंड और अन्य राज्यों से पार्टी के पदाधिकारी शामिल हुए. शिंदे ने उपस्थित लोगों से अन्य राज्यों में पार्टी के विस्तार करने की दिशा में काम करने के लिए कहा. 'जम्मू कश्मीर के माहौल में आया बदलाव': पार्टी प्रमुख शिंदे ने जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल, मनोज सिन्हा, से मुलाकात की और श्रीनगर में महाराष्ट्र भवन के लिए जमीन भी मांगी है. सीएम ने कहा, महाराष्ट्र भवन सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने और पर्यटन गतिविधियों के माध्यम से अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में मदद करेगा. अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू कश्मीर के माहौल में काफी बदलाव आया है. कई विकास कार्य यहां हो रहे हैं. रोड बन रहे हैं और भारी संख्या में पर्यटक यहां आ रहे हैं. '2024 में फिर जीतेगी बीजेपी, टूटेंगे रिकॉर्ड': उन्होंने कहा, जम्मू कश्मीर के लोगों में यह विश्वास जगा है कि उन्हें सभी सुविधाएं दी जा रही हैं. लोगों को रोजगार मिल रहा है. पहले यह बदलाव नहीं था. उन्होंने यह भी कहा, अगले लोकसभा चुनाव में भाजपा पूर्ण बहुमत के साथ जीतकर आएगी. पीएम मोदी के नेतृत्व में पिछले सारे रिकॉर्ड टूट जाएंगे. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपनी सियासी जमीन मजबूत करने के लिए महाराष्ट्र से दूर जम्मू कश्मीर जाए हुए हैं. इसके साथ ही, उनके इस दौरे को लेकर विश्लेषण करने के लिए अन्यायग्यता की अवधारणा भी शुरू हो गई है. शिंदे के नेक्स्ट प्लान का विश्लेषण करने वाले राजनीतिज्ञ अलग-अलग नतीजे निकल रहे हैं. लेकिन, असली मकसद क्या है - इस पर कुछ खुलासा हो रहा है. शिंदे ने श्रीनगर में अपने पार्टी शिवसेना के 15 राज्य प्रमुखों की बैठक बुलाई थी. इसके बाद, उन्होंने जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल से मुलाकात की और महाराष्ट्र भवन के लिए जमीन देने का आग्रह किया है. इससे पहले भी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने जम्मू कश्मीर में कई दौरे किए हैं, लेकिन यह दौर विशेष तौर पर जितना महत्वपूर्ण है, उतना ही रहा है. जम्मू कश्मीर दौरे के बाद उन्हें महाराष्ट्र के प्रदेश प्रमुखों के साथ बैठक करने की सूचना दी गई है. इसके बाद उन्हें महाराष्ट्र भवन के लिए जमीन देने का आग्रह किया गया है. इसका मकसद यह है कि महाराष्ट्र भवन को और बढ़ावा मिले और वहां के कला-संस्कृति और पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिले. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के मुताबिक, जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 के हटने के बाद स्थिति में बदलाव आया है और वहां विकास कार्य तेजी से हो रहे हैं. रोड-बिजली-पानी की सुविधा में सुधार हुआ है और पर्यटन सेक्टर में भी गति आई है. इसके अलावा, उन्होंने भाजपा के साथ गठबंधन को मजबूत करने और शिवसेना के संगठन का विस्तार करने के लिए काम करने को कहा है. दोनों दलों का महाराष्ट्र में एक सरकारी गठबंधन है और यह गठबंधन जारी रहेगा. इस प्रकार, एकनाथ शिंदे जम्मू कश्मीर के दौरे के बाद महाराष्ट्र के विकास और संगठनिक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। इंद्रेश कुमार बोले- 'पहचान छिपाकर प्रेम धोखा है' तो पंकजा मुंडे ने दिया जवाब- 'लव इज लव' जेल में बंद सिसोदिया को याद कर छलके सीएम केजरीवाल के आंसू चुनावी तल्खी छोड़ ममता ने चली नई चाल...! पीएम मोदी को भेजे 3 किस्म के आम