कोलकाता: बिहार विधानसभा चुनाव के बाद अब अगले साल पश्चिम बंगाल के प्रस्तावित चुनाव को लेकर सुगबुगाहट तेज हो गई है. सियासी दलों ने सूबे में चुनावी अभियान की शुरूआत पहले ही कर दी है और अब निर्वाचन आयोग ने भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है. निर्वाचन आयोग ने सोमवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है, जिसमें पश्चिम बंगाल चुनाव पर सियासी दलों के साथ मथन किया जाएगा. चुनाव आयोग अब धीरे-धीरे अपना ध्यान पश्चिम बंगाल की तरफ बढ़ा रहा है, जहां अगले कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है. कोरोना महामारी के समय में बिहार में जिस तरह से चुनाव आयोग ने चुनाव कराया है, उसी मॉडल के आधार पर पश्चिम बंगाल में भी चुनाव कराए जाने की उम्मीद जताई जा रही है. सर्वदलीय बैठक के दूसरे दिन दिल्ली से निर्वाचन आयोग के प्रतिनिधि 10 नवंबर को जिला अधिकारियों के साथ वर्चुअल मीटिंग भी करेंगे. आपको बता दें कि 2011 के विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस (TMC) सुप्रीमो ममता बनर्जी ने तीन दशक से पश्चिम बंगाल की सत्ता में काबिज लेफ्ट का सफाया कर दिया था. इसके बाद से ममता बनर्जी सत्ता में बनी हुईं हैं और तीसरी बार राज्य की सीएम बनने की कवायद में हैं. ममता बनर्जी के लिए भाजपा सबसे बड़ी चिंता बनकर उभरी है, जो बंगाल में मुख्य विपक्ष दल के तौर पर अपनी जगह बना चुकी है. श्रीराम कॉलेज की छात्रा की खुदकुशी पर बोले राहुल, मोदी सरकार पर यूँ साधा निशाना चीनी मीडिया ने बिडेन की जीत के प्रति व्यक्त की आशावादी प्रतिक्रिया अमेरिका में कोरोना ने ढाया कहर, दुनिया भर का पहला संक्रमित देश बना अमेरिका