हिमाचल के साथ क्यों नहीं किया गुजरात चुनाव का ऐलान ? ECI ने बताया कारण

अहमदाबाद: निर्वाचन आयोग (ECI) ने गुजरात में विधानसभा चुनाव का कार्यक्रम घोषित कर दिया है। गुजरात में दो चरण में मतदान कराया जाएगा। 1 और 5 दिसंबर को वोटिंग होगी, जबकि 8 दिसंबर को परिणाम घोषित किये जाएंगे। बता दें कि 8 दिसंबर को ही हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के भी परिणाम भी घोषित किए जाएंगे। जबकि हिमाचल में 12 नवंबर को केवल एक चरण में मतदान होगा।

निर्वाचन आयोग ने हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव की डेट पहले ही घोषित कर दी थी। इस पर जमकर सियासत भी हुई। विपक्षी पार्टियों ने निर्वाचन आयोग पर आरोप लगाया था कि भाजपा को फायदा पहुंचाने के लिए जानबूझकर गुजरात चुनाव का कार्यक्रम घोषित करने में देरी की गई। 3 अक्टूबर को प्रेस वार्ता के दौरान मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार से पूछा गया कि आखिर दोनों राज्यों में चुनाव की तिथियां एक साथ क्यों नहीं घोषित की गई? इस पर उन्होंने कहा कि जहां तक देरी का सवाल है, तिथियों के ऐलान के समय कई चीजों का ध्यान रखना होता है। जैसे उस विधानसभा की तारीख कब ख़त्म हो रही है, स्थानीय मौसम और दूसरी परिस्थितियां।

उन्होंने कहा कि, जैसे उदाहरण के रूप में हिमाचल का विधानसभा सदन का कार्यकाल 8 जनवरी 2023 को समाप्त हो रहा है। वहीं, गुजरात सदन की तारीख 18 फरवरी को खत्म हो रही है। चुनाव तिथि की घोषणा की सदन की अंतिम तिथि में अभी भी 72 दिनों का गैप है। ऐसे में किसी पार्टी को फायदा या नुकसान पहुंचाने का प्रश्न ही नहीं उठता। चुनाव में पारदर्शिता के सवाल पर मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि मैं कितना भी समझाऊं, उससे आवश्यक है कि हमारे परिणाम कितने सही हैं। आजादी के बाद से ही जो लोग आलोचना करते रहे हैं, उन्हें चुनाव के नतीजों से जवाब मिला है।

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