नई दिल्ली: देश में इस वक़्त इंतजार है लोकसभा चुनाव 2019 के परिणाम का. हर कोई टकटकी लगा कर 23 मई का बेसब्री से इंतजार कर रहा है. इस बीच निर्वाचन आयोग में ही मतभेद की खबरों ने हलचल मचा दी है. बीते दिनों चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने कुछ सवाल उठाए थे, जिसपर आज आयोग ने बैठक की. इस बैठक में 2-1 के नतीजों से निर्धारित हुआ है कि अशोक लवासा ने जो आचार संहिता से सम्बंधित मसले को सार्वजनिक करने की मांग की थी, वह पूरी नहीं हो सकेगी. दरअसल, पिछले दिनों निर्वाचन आयुक्त अशोक लवासा ने पीएम नरेंद्र मोदी- भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को निरंतर मिली क्लीन चिट और विपक्षी नेताओं को जारी किए गए नोटिस पर सवाल खड़े किए थे. उन्होंने कहा था कि आचार संहिता से संबंधित सभी दस्तावेजों को सार्वजनिक किया जाए. इसी मुद्दे पर आज निर्वाचन आयोग में बड़ी बैठक हुई थी. आशंकाओं से उलट चुनाव आयोग की बैठक में मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा के साथ सुशील चंद्रा, अशोक लवासा भी शामिल हुए.वरिष्ठ चुनाव आयुक्त लवासा ने CEC को लिखे गए अपने पत्र में कहा था कि जब मतभिन्नता के तर्क और दलील आदेश में लिखे ही नहीं जाते तो उनके चुनाव आयोग की बैठक में हिस्सा लेने का कोई मतलब नहीं है. अब चुनाव आयोग का कहना है कि तीनों में से किसी भी आयुक्त की मतभिन्नता के तर्क बैठक के रिकॉर्ड में तो दर्ज होते हैं पर आदेश में बहुमत का फैसला ही प्रकाशित किया जाता है. नीतीश कुमार दिल्ली रवाना, एनडीए की बैठक में होंगे शामिल VIDEO: एग्जिट पोल से गदगद हुआ भाजपा प्रत्याशी, दिया एक लाख लड्डू का आर्डर पाकिस्तान में हुए ऐलान, इस दिन दिख सकता है ईद का चाँद