नई दिल्ली : चुनाव आयोग ने रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर द्वारा गोवा में दिए गए बयान को आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन माना है और उन्हें भविष्य में बयान देते समय सावधानी बरतने की चेतावनी दी है. चुनाव आयोग ने कहा है कि ऊंचे संवैधानिक पदों पर कार्यरत सभी नेताओं से यह अपेक्षा की जाती है कि वे चुनावी प्रक्रिया की पवित्रता को बनाए रखें.ऐसे व्यक्तियों द्वारा जनता में दिए गए बयान से अगर यह संकेत मिलता है कि वे मतदाताओं को रिश्वत देने की बात कह रहे हैं तो इसे भ्रष्ट आचरण माना जाएगा. गौरतलब है कि गोवा विधान सभा चुनाव के दौरान एक सभा में पर्रिकर ने जो बयान दिया था उससे यह संकेत मिल रहा था कि वो मतदाताओं को रिश्वत की पेशकश कर रहे हैं.आयोग ने पर्रिकर को इस संबंध में नोटिस जारी किया था. जिसका उनके वकील जय अनंत देहदराय ने जवाब भेजते हुए कहा था कि पर्रिकर के बयान की सीडी कोंकणी भाषा में है और उसकी ट्रांस्क्रिप्ट, जो पर्रिकर को भेजी गई है, वह गलत है और ऐसा जान पड़ता है कि उसमें जानबूझकर छेड़छाड़ की गई है और उसका गलत अनुवाद किया गया है. इस पर आयोग ने तीन सदस्यीय समिति गठित कर उसकी जांच की जिसमें कोंकणी के विशेषज्ञ द्वारा किए गए अनुवाद का अध्ययन कर इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि पर्रिकर का बयान आदर्श आचार संहिता उल्लंघन है.चेतावनी से पहले आयोग ने पर्रिकर को उक्त जाँच को सुनने का मौका भी दिया. बता दें कि पर्रिकर ने यह कहा था कि आप 2000 रुपए किसी से लेकर वोट कीजिए. यह सामान्य बात है. कोई रैली भी निकालेगा, इसमें भी कोई आपत्ति नहीं लेकिन अगर कोई 500 रुपया लेकर वहां आता है, तो आपको इस बात का खयाल रखना चाहिए कि वोट केवल कमल छाप को ही मिले. यह भी पढ़ें यूपी में चुनाव आयोग ने किये वरिष्ठ अधिकारियों के तबादले चुनाव आयोग का पर्रिकर को नोटिस, 9 फरवरी तक दें जबाब