नई दिल्ली. जबसे उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी की एकतरफा जीत हुई है, तब से विपक्ष ईवीएम में गड़बड़ी की बात कर रहा है. इस मीटिंग के माध्यम से पार्टियों की तरफ से ईवीएम को लेकर जताई जा रही आशंका को दूर करने की कोशिश की जाएगी. उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे देख कर आम आदमी पार्टी, कांग्रेस, बसपा और सपा सहित कई पार्टियों ने चुनाव ईवीएम के बजाय पेपर बैलेट से कराने की मांग की थी. साथ ही इन पार्टियों ने दावा किया कि ईवीएम में अब लोगो का विश्वास खत्म हो गया है. यद्यपि बीजेपी पार्टी ने ईवीएम में गड़बड़ी की बात को विधानसभा चुनाव में पार्टियों को मिली हार की खीझ करार दिया था. साथ ही इलेक्शन कमेटी के आने वाले चुनावो में वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल के उपयोग करने की सम्भावना नजर आ रही है. इससे चुनाव प्रक्रिया में और अधिक पारदर्शिता और लोगो में भरोसा बढ़ेगा. वीवीपीएटी की कार्यप्रणाली ऐसी है, इसमें एक पर्ची निकलती है जिसे देख कर वोटर्स यह जान पाएगे कि वोट उसी उम्मीदवार को गया है जिसके नाम के आगे उसने बटन दबाया था. इलेक्शन कमेटी ने पार्टियों के शक को दूर करने के लिए एक आयोजन की व्यवस्था की है जिसमे पार्टियों से कहा जाएगा कि वे ईवीएम को हैक करके दिखाए. ये भी पढ़े MCD में हार के बावजूद मजबूत बनकर उभरे माकन मेरी हार के लिए जिम्मेदार एफबीआई और विकीलीक्स - हिलेरी क्लिंटन नीति आयोग के खिलाफ बोले लालू यादव