पेट्रोल और डीजल के दाम और प्रदुषण जैसे करने ने दुनिया का रुख इलेक्ट्रिक वाहनों कि और कर दिया है. और यदि कह दिया जाये की आने वाला कल इलेक्ट्रिक गाड़ियों का ही होगा तो इसमें गलत कुछ नहीं है. भारत में 48 ऑटोमोबाइल कंपनी, 12 मोटरसाइकिल निर्माता कंपनी और 747 ऑटो पार्ट बनाने वाली कंपनियां हैं जहां करीब 20 लाख लोग काम करते हैं. जो कुल सकल घरेलू उत्पाद का 7.2 फीसद हिस्सा बनाते है. इलेक्ट्रिक गाड़ियों की लिथियम-आयन बैटरी का सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक देश चीन है. EESL के सीएमडी सौरव कुमार ने इस मुददे पर कहा , “देश को इलेक्ट्रिक गाड़ियों की तरफ ले जाना बेहद जरूरी है, लेकिन इलेक्ट्रिक गाड़ियों का सपना पूरी तरह तभी सफल होगा जब उसकी चार्जिंग व्यवस्था को दुरुस्त कर दिया जाय. पारंपरिक DC001 चार्जर से अलग लेवल 5 तक के चार्जर उपयोग में लाया जाएं. सबसे महत्वपूर्ण है चार्जिंग प्वाइंट बैठाने के लिए शुरुआत में सरकार की मदद की आवश्यकता है. इसे प्रोत्साहन देने के लिए सरकार की ओर से सब्सिडी या इंसेंटिव जरूर दिया जाना चाहिए.” वही ऑटो एक्सपर्ट रानोजॉय मुख़र्जी ने कहा, “इलेक्ट्रिक गाड़ियों की सफलता सीधे-सीधे बिजली की उपलब्धतता पर निर्भर करता है, क्योंकि इसमें जगह-जगह चार्जिंग प्वाइंट लगाना होगा. फ़ास्ट चार्जिंग सुविधा देनी होगी. साथ ही, चार्जिंग रेट सस्ता कैसे हो इसपर सरकार को ध्यान देना होगा.” बस ये दो पेंच सेट करिए और 40 किमी से ज्यादा का माइलेज बढ़ाइए इनके पास है आपकी फैवरेट ऑटो कंपनियों के मालिकाना हक़ कई रंगों व एबीएस के साथ लांच हुई Royal Enfield Classic 500