बिहार में महंगी होगी बिजली, अनुदान प्राप्त वर्गों की दर में 28 प्रतिशत की होगी बढ़ोतरी

पटना। बिहार में अब लोगों को बिजली बिल भुगतान करने के लिए अपनी जेब ढीली करनी होगी। दरअसल पहले राज्य में विद्युत प्रदाय की दर राज्य सरकार के अनुदान के साथ तय की जाती थीं मगर पहली बार ऐसा हो रहा है कि यह दर बिना अनुदान के तय की जा रही है। दरअसल विद्युत दरों में 55 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। हालांकि बीपीएल और ग्रामीण उपभोक्ताओं को इस बढ़ोतरी के बाद भी कुछ राहत मिलेगी और उनहें अनुदान दिए जाने के कारण उनकी दरों में करीब 28 प्रतिशत की ही वृद्धि होगी।

दरअसल शहरी उपभोक्ताओं पर अधिकतम 92 प्रतिशत, ग्रामीण उपभोक्ताओं के लिए 273 प्रतिशत और किसान वर्ग के लिए 667 प्रतिशत तक टैरिफ में बढ़ोतरी कर दी गई है। गर्मी का सीज़न प्रारंभ होने के दौरान की गई इस तरह की बढ़ोतरी राज्य में महत्वपूर्ण हो सकती है। इस दर से इन वर्गों में असंतोष तक फैल सकता है। इस मामले में आयोग के अध्यक्ष एसके नेगी ने कहा कि दक्षिण बिहार और उत्तर बिहार विद्युत वितरण कंपनी द्वारा औसत 84 प्रतिशत की बढ़ोतरी की बात प्रस्ताव में कही थी मगर इतनी बढ़ोतरी तो नहीं की गई है इसके स्थान पर 55 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है।

हालांकि राज्य के उर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने बढ़ोतरी से खुद को अलग कर लिया है। उनका कहना था कि विद्युत विनियामक आयोग ने विद्युत कंपनी के प्रस्ताव को लेकर विद्युत प्रदाय का शुल्क बढ़ा दिया है। ऐसे में राज्य सरकार कहीं भी नहीं है। दरअसल विद्युत कंपनी ने प्रस्ताव दिया और कहा कि आयोग विभिन्न स्तर पर सुनवाई करने के बाद अपने अनुसार शुल्क बढ़ोतरी को स्वीकृति दे रहा है।

यदि इस तरह का प्रस्ताव राज्य सरकार के पास पहुंचा तो सरकार इस पर ध्यान देगी और विचार करेगी। हालांकि सरकार ने कहा कि अभी वह इस पर निर्णय नहीं ले रही है। माना जा रहा है कि सरकार के मंत्री और विभागीय अधिकारी इस मसले पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बात करने के बाद शनिवार को समीक्षा कर सकते हैं।

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