देश में हर घर में बिजली पहुचाये जाने की चर्चाओं के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को कहा कि 'बिहार की हर बसावट तक बिजली पहुंचाने के लक्ष्य को प्राप्त कर लिया गया है. 27 दिसंबर 2017 को इस बात की घोषणा की गई थी कि हर गांव तक बिजली पहुंच गई है, लेकिन कुछ बसावट बाकी रह गये थे, उसी दिन यह बताया गया था कि अप्रैल माह तक हर बसावट तक बिजली पहुंचा दी जाएगी और हमें खुशी है कि यह लक्ष्य प्राप्त कर लिया गया है.' नीतीश कुमार पटना में बिजली विभाग के एक कार्यक्रम में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि सात निश्चय के अंतर्गत एक निश्चय किया था कि हर इच्छुक परिवार के घर तक बिजली पहुंचानी है. हर घर तक बिजली का कनेक्शन उपलब्ध कराने के लिए विद्युत विभाग ने अन्य विभागों की मदद से ऐसे घरों का आंकड़ा उपलब्ध कराया और उस पर तेजी से काम किया गया. जब हम यात्रा पर निकले तो लोगों से उसके बारे में जानकारी ली और साथ में रहे हमारे अधिकारियों ने इस काम में आ रही दिक्कतों का तुरंत समाधान किया. उन्होंने कहा कि ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव और इस विभाग के मंत्री ने यह संकल्प लिया है कि दिसंबर 2018 तक हर घर तक बिजली पहुंचा दी जाएगी, इससे हम एक और निश्चय प्राप्त कर सकेंगे. अभी तक बचे 26 लाख घरों में से 8 लाख से ज्यादा घरों में बिजली पहुंच गई है. जून 2018 तक 14 लाख घरों तक बिजली पहुंच जाएगी, जैसा कि इन लोगों ने बताया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता में बिजली मंत्रियों के सम्मेलन में बिहार के इस मॉडल की प्रशंसा की गई और भारत सरकार ने पूरे देश में इसे सौभाग्य योजना के नाम से लागू किया. उन्होंने कहा कि सात निश्चय में से एक निश्चय राज्य के सभी घरों में बिजली देना शामिल है. मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली दर को ठीक करने के लिए सरकार ने बिजली नियामक आयोग के समक्ष जीरो सब्सिडी का प्रस्ताव रखा और जब रेट तय हुआ तब राज्य सरकार ने अपने खजाने से पिछले वित्तीय वर्ष में उपभोक्ताओं को 3,000 करोड़ की सब्सिडी दी थी और इस वर्ष 4,125 करोड़ रुपए की सब्सिडी दी गई है. उन्होंने कहा कि राज्य में बिजली की उपलब्धता से लोगों के चेहरे पर खुशियां आई हैं. लोगों को निर्बाध गति से बिजली आपूर्ति हो रही है. ट्रांसमिशन एवं डिस्ट्रीब्यूशन के क्षेत्र में बेहतर काम किया जा रहा है. हाल ही में रेहल गांव में ऑफ ग्रिड विद्युत आपूर्ति देखने का अवसर मिला. सोलर पावर और विंड पावर के क्षेत्र में भी काम करने की जरूरत है. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बिहार के लिए गौरव का क्षण है, विद्युत के क्षेत्र में इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल की गई है. हमारी योजना को केंद्र सरकार ने लागू किया है, इससे खुशी की बात और क्या होगी. बिजली की जिन योजनाओं में केन्द्र सहायता दे रही है, उससे जो बचत होगा, उसका उपयोग ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन के नेटवर्क में किया जाएगा. लोगों से अपील करता हूं कि जरूरत भर ही बिजली की खपत कीजिए. नीतीश ने कहा कि बिजली की उपलब्धता बढ़ी है. हर क्षेत्र में काम किया जा रहा है, चाहे जेनेरेशन हो, ट्रांसमिशन हो, सब ट्रांसमिशन हो या फिर डिस्ट्रीब्यूशन हो. अभी 4,600 मेगावाट तक की बिजली की आपूर्ति की जा रही है. बिजली संचरण की क्षमता 9,000 मेगावाट से ज्यादा हो गई है. वर्ष 2005 में 45 ग्रिड सब स्टेशन था, अब यह 134 हो गया है और निकट में इसकी संख्या 162 हो जाएगी. 12 वर्षों में 487 नए पॉवर सब स्टेशन का निर्माण हुआ है. अब राज्य में कुल पॉवर सब स्टेशनों की संख्या 755 हो गई है. इससे बिजली की क्वालिटी में सुधार हुआ है. नीतीश ने कहा कि जब हम केंद्र में मंत्री थे तो बाढ़ में एनटीपीसी के सहयोग से 660 मेगावाट की तीन इकाई और 660 मेगावाट की दो इकाई शुरू की गई. बिहार में पावर जेनेरेशन काफी हो रहा है और होने वाला है. निजी क्षेत्र में भी बिजली उपलब्ध है. बिजली की आपूर्ति करने में अब कोई दिक्कत नहीं है. मोतीहारी बस हादसा: कमिश्नर ने कहा एक भी शव नहीं मिला, सुबह थी 27 लोगों के मरने की खबर प्रधानमंत्री के झूठ से पर्दा उठाते भारत ये गाँव तेज प्रताप ने दिया मोदी को शादी का न्योता