जब हाथी को आई खुजली तो, सुखी टहनी को इस तरह बनाया अपना औजार

अधिकांश लोग अपना कान खुजलाने के लिए या सफाई के लिए ईयर बड, माचिस की तिली या फिर उपनी छोटी उंगली का उपयोग करते हैं. वहीं,मनुष्यों की तरह वन्यजीव भी अपनी दिक्कतें सुलझाने में बाहरी उपकरणों का उपयोग करते हैं. हाल ही में एक ऐसा उदाहरण देखने को मिला है. ये मामला बेंगलूरु बन्नेरघट्टा जैविक उद्यान (बीबीबीपी) का है. 

दरअसल, 2 एशियाई हाथियों ने दिखाया कि उपकरणों का उपयोग और संज्ञानात्मक योग्यता में वे भी किसी से कम नहीं हैं. बीस वर्षीय हाथी सुंदर, जो की महाराष्ट्र के कोल्हापुर के मंदिर से बचाया गया था. यह हाथी सूखी टहनी के एक टुकड़े से अपना कान और मुंह खुजलाता हुआ नजर आया . सुंदर साल 2014 से बीबीबीपी में ही रह रहा है. इसके साथ ही सुंदर की दूसरी साथी मेनका भी ऐसा करती नजर आई है. मेनका टहनी के एक टुकड़े से गर्दन और पेट के नीचले भाग को खरोंचते कैमरे में कैद हुई है. 

बता दें की बीबीबीपी की कार्यकारी निदेशक वनश्री विपिन सिंह ने बताया है कि हाथियों में उपकरण का इस्तेमाल अनोखा नहीं है लेकिन उपयोग और तरीका हाथियों पर निर्भर रहता है. नागरहोले नेशनल पार्क में भी साल 2001 के स्टडी में पता चला था कि मक्खियों को दूर भागने के लिए हाथी पेड़ की शाखाओं को एक अलग शेप दे कर इसका बखूबी उपयोग करते हैं. जो ऐसा दिखता है कि दिमाग और शरीर के अनुपात में सेरेब्रल कॉर्टेक्स (स्तनधारी मस्तिष्क में सेरेब्रम का सबसे बड़ा इलाका है और स्मृति, ध्यान, धारणा, ज्ञान, जागरूकता, विचार, भाषा और चेतना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है) किसी भी पुरानी प्रजातियों की तुलना में जयादा है.

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