नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली से पीएम नरेंद्र मोदी के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी को जोड़ने के लिए अलग से एलिवेटेड ट्रैक तैयार किया जाएगा। ट्रैक पर कुछ जगह अंडरग्राउंड रेलवे लाइन भी होगी। इस ट्रैक पर अधिकतम 320 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनें दौड़ सकेंगी। इसके लिए 13 दिसंबर से हेलिकॉप्टर से लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग (लिडार) सर्वे कराया जाएगा। इस तकनीक से 800 किमी. का सर्वे 12 सप्ताह में पूरा हो जाएगा, जबकि इसी प्रकार के मानवीय सर्वेक्षण में एक साल तक लग जाता है। यह ट्रैक इस हिसाब से तैयार किया जाएगा कि न केवल कानपुर बल्कि लखनऊ को भी इससे जोड़ा जा सके। इसके लिए कुछ स्टेशन भी बनेंगे। यह बेहद शुरुआती प्रक्रिया है। इसके बाद सर्वे रिपोर्ट रेलवे मंत्रालय के पास भेजी जाएगी। स्वीकृति के बाद DPR बनेगी और टेंडर प्रक्रिया आरंभ होगी। यह काम रेलवे मंत्रालय के अधीन काम करने वाली संस्था नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) से करा रहा है। आपको बता दें कि लिडार तकनीक मूलत: लेजर लाइटों और सेंसर पर आधारित होती है। इस तकनीक का उपयोग पहले मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर के सर्वेक्षण में किया जा चुका है। इसका सर्वेक्षण डाटा काफी सटीक होता है। हेलिकॉप्टर में अत्याधुनिक हाई रिजोल्यूशन कैमरे लगे होते हैं। लेजर डाटा, जीपीएस डाटा, फ्लाइट पैरामीटर और वास्तविक तस्वीरों से प्राप्त जानकारी के आधार पर काम किया जाता है। स्पाइसजेट के शेयरों में आई 6 प्रतिशत की तेजी भारतीय ह्यूम पाइप कंपनी के शेयरों में आई बढ़त, यूपी में जलापूर्ति योजनाओं के लिए प्राप्त हुए एलओए आरबीआई ने एचडीएफसी बैंक पर लगाया 10 लाख रुपये का जुर्माना