मध्यप्रदेश राज्य सरकार दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को 4440-7440 रूपए न्यूनतम वेतन देने की तैयारी कर चूकि है. जिसका मतलब अकुशल दैवेभो को 10,074 और उच्च कुशल को 11,607 रुपए वेतन दिया जायेगा. सरकार के इस फैसले से करीब 55 हजार दैवेभो को लाभ मिलेगा. वही राज्य सरकै पर 58 करोड़ रुपए वार्षिक अतिरिक्त वित्तीय भार आएगा. दरअसल सुप्रीम कोर्ट के दवाब के बाद राज्य सरकार दैवेभो कर्मचारियों को वेतन देने के लिए राजी हो गयी है. न्यूनतम वेतन के साथ दैवेभो कर्मचारियों को हंगाई भत्ता, ग्रेड-पे का लाभ देने का निर्णय किया गया है. इससे पहले दैवेभो कर्मचारियों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें नियमित करने का फैसला सुनाया गया था. फैसले के 8 माह बाद भी सरकार ने आदेश का पालन नहीं किया. जिसके बाद मप्र कर्मचारी मंच सहित अन्य संगठन ने सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका लगा दी. जिसमे मुख्या सचिव सहित 7 विभागों के प्रमुख सचिवों को पार्टी बनाया गया था. 18 मार्च को पहली सुनवाई में अधिकारियो ने आदेश पालन के लिए थोड़ा समय माँगा. जिस पर कोर्ट ने 25 अप्रैल को हलफनामा पेश करने के बाद अधिकारियो को 13 मई तक का समय दिया गया है. 11 जुलाई को आखिरी सुनवाई में सरकार मामले में फैसला सुनाएगी.