वाशिंगटन: Twitter के नए मालिक एलन मस्क (Elon Musk) ने आज यानि शनिवार (3 दिसंबर) को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के बेटे हंटर बाइडेन के कारनामों की जानकारी देने का ऐलान कर पूरे विश्व हड़कंप मचा दिया है। उन्होंने बताया कि Twitter पर वर्ष 2020 में टीम बाइडेन के दबाव में इस रिपोर्ट को दबा दिया गया था। दुनिया के सबसे रईस व्यक्ति एलन मस्क ने बताया कि Twitter द्वारा हंटर बाइडेन स्टोरी को हटाने के लिए क्या- क्या किया गया था, इसे जल्द ही दुनिया के सामने रखा जाएगा। दरअसल, एलन मस्क, द न्यूयॉर्क पोस्ट की 2020 की उस एक्सक्लूसिव रिपोर्ट के संबंध में बात कर रहे थे, जिसे Twitter ने हटा दिया था। अब मस्क उस रिपोर्ट को डिलीट करने के दौरान ट्विटर अधिकारियों द्वारा शेयर किए ईमेल को दुनिया के सामने रखने जा रहे हैं। मस्क ने कहा कि 2020 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के दौरान Twitter ने रिपोर्ट को डिलीट करने के टीम बाइडेन के अनुरोध को स्वीकार कर लिया था। ‘द न्यूयॉर्क पोस्ट’ ने यह मीडिया रिपोर्ट हंटर बाइडेन के लैपटॉप से रिकवर किए गए ईमेल में मिली जानकारियों के आधार पर तैयार की थी। इस स्टोरी को लेकर रूसी हैकिंग की बात कही गई है और कहा गया कि FBI ने इसे डिलीट करने के लिए दबाव बनाया था। एलन मस्क ने इस मामले का खुलासा करते हुए स्वतंत्र पत्रकार और लेखक मैट टैबी (Matt Taibbi) के Twitter हैंडल का लिंक ट्वीट किया। इसके बाद टैबी ने ‘हंटर बाइडेन लैपटॉप स्टोरी’ को Twitter पर सेंसर किए जाने के फैसले के पीछे के सभी राज खोले। उन्होंने एक के बाद एक Tweet करते हुए बताया कि क्या हुआ था और किस तरह हुआ था। टैबी ने इस खुलासे को ‘द ट्विटर फाइल्स, पार्ट वन’ का नाम दिया है। उसमें टैबी ने जानकारी दी है कि Twitter ने हंटर बाइडेन लैपटॉप स्टोरी को किस तरह और क्यों ब्लॉक किया था। टैबी के मुताबिक, Twitter ने न्यूयॉर्क पोस्ट की हंटर बाइडेन स्टोरी को दबाने के लिए कई असाधारण कदम उठाए थे। Twitter ने लिंक हटा दिए और चेतावनी दे दी कि यह ‘असुरक्षित’ हो सकता है। टैबी ने आगे बताया कि, 'Twitter ने डायरेक्ट मैसेज के जरिए इस स्टोरी के प्रसारण को भी ब्लॉक कर दिया, जैसे कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी को किया जाता है।' दरअसल, 14 अक्टूबर 2020 को न्यूयॉर्क पोस्ट ने जो बाइडेन के बेटे हंटर बाइडेन का एक गोपनीय ईमेल प्रकाशित किया था, जो उनके लैपटॉप से रिकवर किया गया था। टैबी ने दावा करते हुए कहा कि इसे सेंसर करने का निर्णय Twitter के उच्चाधिकारियों द्वारा लिया गया था। हालाँकि, इस संबंध में Twitter के तत्कालीन CEO जैक डोर्सी को नहीं बताया गया था। इसमें कंपनी की कानूनी मामलों की पूर्व प्रमुख विजया गाड्डे ने बेहद अहम भूमिका निभाई थी। क्या थी द न्यूयॉर्क पोस्ट की स्टोरी :- बता दें कि, द न्यूयॉर्क पोस्ट ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि हंटर बाइडेन ने अपने पिता और अमेरिका के तत्कालीन उपराष्ट्रपति जो बाइडेन को एक साल पहले, यूक्रेन की एक ऊर्जा कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी से मिलवाया था। उस समय जो बाइडेन ने यूक्रेन में सरकारी अधिकारियों पर उस वकील पर फायरिंग करने के लिए दबाव डलवाया था, जो कंपनी की जाँच कर रहा था। हंटर बाइडेन 2015 में यूक्रेन की कंपनी बुरिस्मा के बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स में 50,000 डॉलर प्रति माह की सैलरी पर शामिल हुए थे। इस कंपनी पर हंटर के प्रभावों का उपयोग करने का भी इल्जाम है। ईमेल में कंपनी के सलाहकार वडिम पॉजर्स्की ने 17 अप्रैल 2015 को हंटर को इस बात के लिए भी शुक्रिया कहा था कि उन्होंने अपने पिता जो बाइडेन से उनकी मुलाकात करा दी। यूक्रेन की ऊर्जा कंपनी में सलाहकार पॉजर्स्की ने यह मेल हंटर बाइडेन के डायरेक्टर बनने के एक साल बाद किया था। इसके पहले मई 2014 में पॉजर्स्की ने हंटर को ईमेल कर सलाह माँगी थी कि वे कंपनी के लिए अपने प्रभाव का उपयोग किस तरह कर सकते हैं। इस मामले को लेकर इंटरनेशनल न्यूजपेपर डेली मेल ने बताया था कि तस्वीरों, दस्तावेजों, ईमेल और टेक्स्ट मैसेज से पता चला है कि 2013 से 2016 तक 6 मिलियन डॉलर (60 लाख डॉलर) से अधिक की आमदनी होने के बाद भी हंटर बाइडेन के शाही खर्चों ने उन्हें कर्ज में डुबो दिया था। जब हंटर की कई बिजनेस डील कैंसिल हो गई और उनके विरुद्ध फेडरल इन्वेस्टिगेशन (FBI) चल रही थी, तब उन्होंने एक ईमेल लिखा था। इसमें उन्होंने खुद को जेल भेजे जाने का डर जाहिर किया था। बता दें कि, इसी दौरान अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का ट्विटर हैंडल भी सस्पेंड कर दिया गया था, वहीं हंटर बाइडेन के कारनामे छिपा दिए गए। इसी के चलते ट्विटर पर अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में ट्रम्प के खिलाफ और बाइडेन के समर्थन में प्रोपेगेंडा चलने के आरोप भी लगे थे । आतंकपरस्त पकिस्तान फिर हुआ बेनकाब, 'मास किलिंग' के खतरे में लगातार तीसरी बार टॉप पर PAK-चीन और रूस में लोगों को धार्मिक आज़ादी नहीं, अमेरिका ने जारी की 12 देशों की सूची गैर-मुस्लिमों को इस्लाम में बुलाओ, न माने तो बिना दया के मार डालो- क़तर यूनिवर्सिटी के 'प्रोफेसर'