नई दिल्ली: इलेक्ट्रिक वाहन, प्रदुषण, ईंधन की खपत और बढ़ते भाव के चलते नई ऑटोमोबाइल पॉलिसी का आना तय माना जा रहा है और यह समय की मांग भी है. सरकार नई ऑटोमोबाइल पॉलिसी को लेकर होम वर्क पूरा कर चुकी है और जल्द ही इसे लागु किया जा सकेगा. नई ऑटोमोबाइल पॉलिसी में प्रदूषण मुक्त वाहनों के इस्तेमाल पर जोर है ताकि पर्यावरण संबंधी लक्ष्य हासिल हो सकें, साथ ही तकनीकी बदलाव, और सुधारो के बिन्दुओ पर सरकार ने आम लोगों की राय भी मांगी है. भारी उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी नीति के मसौदे के अनुसार ग्रीन मोबिलिटी ही ग्लोबल ऑटोमोबाइल उद्योग का भविष्य होगा, नीति में ग्रीन मोबिलिटी के लिए सरकारी रणनीति में स्पष्टता के अभाव और प्रदूषण मुक्त वाहनों की कम मांग के पीछे के कारकों पर प्रकाश डाला गया है, प्रदूषण उत्सर्जन मानकों को 2028 तक ग्लोबल बेंचमार्क पर लाने की भी बात कही गई है. मसौदे के अनुसार भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग को दुनिया में तीसरे शीर्ष स्थान लाने का लक्ष्य है, इसमें इंजीनियरिंग, मैन्यूफैक्चरिंग व एक्सपोर्ट पर खास जोर होगा, पॉलिसी का मुख्य मकसद उद्योग को स्पष्ट रोडमैप और स्थिर नीति मुहैया कराना है। पॉलिसी में क्लीन, सेफ, एफीशिएंट और आरामदायक परिवहन सुविधा देने पर खास जोर है. बजाज एवेंजर 180 की बुकिंग शुरू हुंडई की इलेक्ट्रिक एसयूवी Kona का ग्लोबल डेब्यू ? इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर नितिन गडकरी का खुलासा