पीएफ खाताधारक ऐसे उठा सकते है इंश्योरेंस की सुविधा का लाभ

लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण के बीच वेतनभोगी कर्मचारी के रिटायरमेंट की जरूरतें पूरी करने में कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) काफी मददगार साबित होती है. ईपीएफ अकाउंट में कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 12 फीसद कर्मचारी की ओर से और 12 फीसद नियोक्ता की ओर से जमा होता है. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) इपीएफ अकाउंट में रिटायरमेंट फंड तैयार करने के साथ ही दूसरी महत्वपूर्ण सुविधाएं भी देता है. ये हैं, बीमा, लोन और पेंशन. आइए जानते हैं कि पीएफ खाताधारकों को किस तरह से इन सुविधाओं का फायदा मिलता है.

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देश में बहुत से पीएफ खाताधारकों को पता ही नहीं होता कि उन्हें पीएफ अकाउंट के साथ इंश्योरेंस की भी सुविधा मिल रही है और वे इसका क्लेम करने से चूक जाते हैं. सेबी रजिस्टर्ड निवेश सलाहकार जितेंद्र सोलंकी ने बताया कि पीएफ खाताधारकों को एंप्लाय डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम (EDLI) के तहत इंश्योरेंस की सुविधा मिलती है. इस इंश्योरेंस के लिए कर्मचारी को अलग से आवेदन करने या प्रीमियम भरने की आवश्यकता नहीं है. ईपीएफ अकाउंट में नियोक्ता के योगदान का 0.5 फीसद स्वत: ही EDLI में चला जाता है.

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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि इस इंश्योरेंस स्कीम में कर्मचारी को छह लाख रुपये तक का बीमा मिलता है. ईपीएफ खाताधारक की सर्विस अवधि में मृत्यु होने पर कर्मचारी के परिजन, कानूनी उत्तराधिकारी या नॉमिनी को एकमुश्त भुगतान किया जाता है. यह भुगतान राशि कर्मचारी को पिछले 12 महीनों में मिली सैलरी का 30 गुना या अधिकतम छह लाख रुपये होती है. बीमा राशि प्राप्त करने के लिए नॉमिनी को एक फॉर्म भरकर ईपीएफओ ऑफिस में जमा करना होता है.

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