मुंबई: कोरोना महामारी के बाद से देश में कई तरह के बदलाव आए है वही इस बीच मुम्बई में तकरीबन 10 लाख ग्राहकों तक बिजली पहुंचाने तथा 4,000 बसें चलाने वाली BEST प्रत्येक माह अपने कर्मचारियों की झोली से सिक्कों से भी भर रही है। दरअसल, वृहनमुम्बई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट बैंकों से संबंधित एक मसले के चलते अपने 40,000 कर्मियों को वेतन का अच्छा खासा हिस्सा छोटे नोटों तथा सिक्कों में देती है। पहले एम्प्लॉयीज के वेतन में इसकी भागेदारी बहुत कम होती थी, किन्तु अब इसका भाग बढ़ता जा रहा है। पीटीआई की जानकारी के अनुसार, BEST के एक कर्मी ने नाम व्यक्त ना करने की शर्त पर बताया कि उनके वेतन का एक छोटा भाग हमेशा से सिक्कों के रूप में मिलता रहा है। पहले प्रत्येक कर्मचारी को 1,000 रुपये प्राप्त होते थे जिसमें मुख्य तौर पर दो और पांच रुपये के सिक्के और 10 रुपये के नोट होते थे। वहीं वेतन का कुछ भाग 50, 100, और 500 रुपये के नोट के तौर पर नकद मिलता था। किन्तु बीती बार उन्हें कैश और सिक्के के रूप में 11,000 रुपये मिले और उससे बीते माह 15,000 रुपये, बाकी सैलरी सीधे उनके खाते आती है। इस बारे में BEST की समिति के सीनियर मेम्बर सुनील गणाचार्य का कहना है कि BEST के पास बहुत बड़ी संख्या में कैश तथा सिक्के पड़े हुए हैं। BEST को यह सिक्के और छोटे नोट बसों के किराये के तौर पर मिलते हैं। शहरभर में उसके 100 से 150 कलेक्शन सेंटर पर ये पैसे पड़े हुए हैं तथा कोई बैंक उन्हें लेने को तैयार नहीं है। गणाचार्य ने कहा कि BEST के कई कर्मी अम्बरनाथ, बदलापुर, पनवेल तथा विरार जैसे दूर के उपनगरीय क्षेत्रों से आते हैं। ऐसे में नकद वेतन वो भी सिक्कों के तौर लोकल ट्रेन से आने-जाने में समस्या के कारण बनती है। साथ ही संकट भी बना रहता है। इन राज्यों में तेजी से बढ़ रहे कोरोना के मामले राज्य का विकास तभी संभव है जब हम ‘वंशवादी और भ्रष्ट’ DMK-कांग्रेस को हरा देंगे: अमित शाह नुआपाड़ा में कोरोना के बढ़ते मामलों ने मचाया कोहराम