वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा पेश किये गए आम बजट से एमपी के कर्मचारियों में नाराजगी देखी जा रही है सांसदों के वेतन में वृद्धि कर उसे टेक्स फ्री करने लेकिन कर्मचारियों को टैक्स स्लैब में छूट नहीं देकर भेदभाव किया गया है. कर्मचारियों की उम्मीद थी कि टैक्स स्लैब 4 लाख तक किया जाएगा ,लेकिन ऐसा नहीं हुआ . सरकार ने सिर्फ 40 हजार की लिमिट बढ़ाई. अब दो लाख नब्बे हजार तक की आय टैक्स फ्री रखा गया है. कर्मचारियों को दो तरह के करों से भी आपत्ति है .इनकम टैक्स और प्रोफेशनल टैक्स अधिकारी से लेकर चपरासी तक सभी से समान रूप से ढाई हजार रुपए वसूला जाता है . कर्मचारियों ने इसमें छूट की मांग की है . आपको बता दें कि कर्मचारी संगठनों की नजर में यह बजट कर्मचारी विरोधी है .नेताओं का आरोप है कि सरकार सपने दिखाकर उनको तोड़ रही है. रोजगार पूरी तरह से बंद है. सरकार ने अनुबंध पर कर्मचारी भर्ती का ठेका दे रखा है जिससे निजी क्षेत्र को बढ़ावा मिल रहा है. कुल मिलाकर कर्मचारी वर्ग इस बजट से संतुष्ट नहीं है . यह भी देखें बजट पर तेजस्वी ने कहा फेल हुआ डबल इंजन बजट 2018 : आम जनता को एक मात्र राहत, पेट्रोल-डीजल 2 रुपये सस्ता