श्रीनगर: केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में बढ़ती आतंकी गतिविधियों के जवाब में सुरक्षा बल पूरे क्षेत्र में लगातार तलाशी अभियान चला रहे हैं। इन प्रयासों के परिणामस्वरूप हाल ही में आतंकियों के खिलाफ महत्वपूर्ण सफलता मिली है। कुपवाड़ा में उत्तरी कश्मीर के केरन सेक्टर में नियंत्रण रेखा (LoC) के पास मुठभेड़ के दौरान दो आतंकी मारे गए। पिछले कई घंटों से सुरक्षा बल जम्मू-कश्मीर के विभिन्न इलाकों में सक्रिय रूप से तलाशी अभियान चला रहे हैं, जिसके चलते आतंकियों के साथ कई मुठभेड़ें हुई हैं। ऐसी ही एक मुठभेड़ आज डोडा के कास्तीगढ़ इलाके में हुई, जहां सेना का एक जवान घायल हो गया। हाल के हफ्तों में इस क्षेत्र में कई हिंसक घटनाएं हुई हैं। 9 जून की शाम को आतंकियों ने कटरा के रियासी इलाके में माता वैष्णो देवी मंदिर जा रहे तीर्थयात्रियों को ले जा रही 53 सीटों वाली बस पर हमला किया। हमले के कारण बस खाई में गिर गई, जिससे एक नाबालिग समेत नौ लोगों की मौत हो गई और 41 अन्य घायल हो गए थे। तीर्थयात्री उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली के थे और हमले के लिए जिम्मेदार आतंकी पहाड़ी इलाके में छिपे हुए थे। 11 जून को कठुआ जिले के एक गांव में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गए थे। यह अभियान हीरानगर सेक्टर के सैदा सुखल गांव में हुए आतंकवादी हमले के बाद शुरू किया गया था, जिसमें सीआरपीएफ का एक जवान भी शहीद हो गया था। 12 जून को डोडा जिले में एक अस्थायी सेना संचालन अड्डे पर आतंकवादियों ने गोलीबारी की, जिसमें दो सैनिक और एक नागरिक घायल हो गए। इस मुठभेड़ में एक आतंकवादी मारा गया, जो रियासी और कठुआ की घटनाओं के बाद जम्मू क्षेत्र में तीन दिनों में तीसरा आतंकवादी हमला था। जुलाई में भी हिंसा जारी रही। 6 जुलाई को कुलगाम के दो गांवों- चिनीगाम और मोदरगाम में हुई मुठभेड़ में दो सैनिक शहीद हो गए। शहीद हुए सैनिकों में पैरा कमांडो लांस नायक प्रदीप नैन और राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर) के हवलदार राज कुमार शामिल थे। 8 जुलाई को कठुआ में हुए आतंकवादी हमले में पांच सैनिक शहीद हो गए थे। आतंकवादियों ने शाम को सेना के एक वाहन पर ग्रेनेड से हमला किया और अंधाधुंध गोलीबारी की। रिपोर्ट बताती है कि इस हमले में दो से तीन आतंकवादी शामिल थे। 10 जुलाई को राजौरी के नौशेरा सेक्टर में आतंकियों ने घुसपैठ की कोशिश की थी। संदिग्ध आतंकियों के एक समूह ने रात में भारतीय क्षेत्र में घुसने की कोशिश की, लेकिन वे असफल रहे और भागने पर मजबूर हो गए। इससे पहले 7 जुलाई को राजौरी में सेना के एक कैंप को आतंकियों ने निशाना बनाया था, जिसमें सेना का एक जवान घायल हो गया था। आतंकियों ने कैंप पर फायरिंग की और चौकस सुरक्षाकर्मियों ने जवाबी फायरिंग की। हालांकि, आतंकी अंधेरे का फायदा उठाकर भागने में सफल रहे। ये घटनाएं जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों के सामने मौजूद चुनौतियों और खतरों को उजागर करती हैं, क्योंकि वे आतंकवाद से निपटने और क्षेत्र के निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के अपने प्रयासों को जारी रखते हैं। 'ईमान ले आओ, सब ठीक कर दूंगा..', जामिया मिलिया में दलित कर्मचारी रामनिवास पर धर्मान्तरण का दबाव, ना मानने पर किया प्रताड़ित एक बार फिर कांग्रेस-सपा मिलकर देंगे भाजपा को टक्कर, यूपी की 10 विधानसभा सीटों पर होगी भिड़ंत बंगाल के घर में ऐसी सुरंग, जिससे अपराधी सद्दाम भाग गया बांग्लादेश ! हाथ मलती रह गई ममता सरकार की पुलिस, Video