राष्ट्रपति चुनाव में सर्वसम्मति के आसार खत्म

नई दिल्ली. राष्ट्रपति किसे नियुक्त किया जाएगा, इसकी तैयारी अभी से शुरू हो गई है. विपक्ष ने जिस तरह से सरकार के खिलाफ अपना साझा उम्मीदवार खड़ा करने की तैयारी शुरू कर दी है. बता दे कि वर्ष 2002 में एनडीए सरकार ने डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को सर्वसम्मति से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया था. तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी डॉ कलाम के लिए नामांकन पत्र का एक-एक सेट दाखिल किया था. किन्तु मौजूदा स्थिति में राष्ट्रपति चुनाव में सर्वसम्मति के आसार खत्म होते दिखाई दे रहे है.

यह भी बता दे कि विपक्ष की और से अभी स्पष्ट नहीं किया गया है कि वह किसे उम्मीदवार बनाना चाहता है. इलेक्शन कमिटी द्वारा प्रेसिडेंट इलेक्शन की तारीखों की घोषणा से पहले विपक्षी दलों के बीच अपना उम्मीदवार फाइनल करने की कवायद ने बीजेपी को मौका दे दिया है. बीजेपी ऐसा उम्मीदवार पेश करेगी जो विपक्ष को चौका देगा.

बीजेपी के एक बड़े नेता ने यह भी कहा है कि विपक्ष अपना उम्मीदवार खड़ा करेगा तो सरकार के पास चुनाव लड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं रहेगा. वर्ष 2012 में प्रणब मुखर्जी का नाम तय करने के लिए कांग्रेस को काफी मशक्क्त करना पड़ी थी. किन्तु तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी और सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव इसके लिए तैयार नहीं थे.

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