कोरोना संकट के बीच कर्मचारी भविष्‍य निधि (EPF), लोक भविष्‍य निधि (PPF) और जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF) निवेश के बेहतरीन विकल्प हैं. कई बार लोगों को इनके नाम को लेकर भ्रम हो जाता है. लेकिन ये तीनों स्कीम अलग-अलग हैं. हम इस खबर में आपको तीनों के निवेश विकल्प को लेकर जानकारी दे रहे हैं. योग्यता EPF (कर्मचारी भविष्य निधि) केवल वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए है. यह एक अनिवार्य बचत योजना है जो 20 से अधिक कर्मचारियों वाली कंपनी के कर्मचारियों के लिए लागू होती है, जिनका वेतन निर्धारित न्यूनतम राशि से अधिक है. PPF यह बैंकों और डाकघरों की ओर से सभी के लिए पेश किया जाता है, इसमें वेतनभोगी होना मायने नहीं रखता. योगदान वेतनभोगी के लिए EPF में निवेश अनिवार्य है. इसमें निवेश के लिए बेसिक और डीए का 12 फीसद तक ईपीएफ खाते में काटकर जमा किया जाता है. PPF यह स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना है. एक वित्तीय वर्ष में आपको न्यूनतम जमा राशि 500 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख रुपये करने की अनुमति है. इसमें एकमुश्त या किस्तों में योगदान किया जा सकता है. टैक्स छूट आपके ईपीएफ मैच्योर होने पर मिलने वाली राशि को केवल तभी छूट दी जाती है जब आपके पास कम से कम पांच साल की निरंतर जॉब का ट्रैक रिकॉर्ड हो. शेयर बाजार की शानदार शुरुआत, सेंसेक्स में 990 अंकों की बढ़त RBI ने की रिवर्स रेपो रेट में 0.25 फीसद की कटौती, गवर्नर दास ने किया ऐलान कोरोना: GDP पर बोले RBI गवर्नर, कहा- G-20 देशों से बेहतर भारत की स्थिति