अर्थव्यवस्था में सुस्ती और लॉकडाउन की वजह से कुछ लोगों की नौकरी चली गई है, जबकि कुछ लोगों के वेतन में कटौती हो गई है. इस वजह से कई लोग कैश की भारी कमी से जूझ रहे हैं. लोगों को थोड़ी राहत देने के लिए केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने हाल में कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) योजना से जुड़े प्रावधानों में कुछ संशोधन किया है. इस संशोधन के बाद EPFO के सदस्य अपनी पीएफ राशि का एक हिस्सा नॉन-रिफंडेबल एडवांस के रूप में निकाल सकते हैं. ऑनलाइन पीएफ निकासी में इसके लिए अलग से कोविड-19 नाम से एक कारण जोड़ा गया है. दिवालिया होने से बचा भगोड़ा माल्या, इस कोर्ट ने दी बड़ी राहत आपकी जानकारी के लिए बता दे कि EPFO ने अपने सब्सक्राइबर्स को ट्वीट करके सूचित किया है कि संगठन COVID-19 की वजह से पीएफ की निकासी करने वालों को प्राथमिकता दे रहा है. उसने कहा है कि कोविड-19 की वजह से पीएफ निकासी के लिए आवेदन करने वाले पीएफ सब्सक्राइबर्स का क्लेम 72 घंटे के भीतर ऑटो मोड में प्रोसेस हो जा रहा है. सिर्फ यहां पर निर्यात की जाएगी हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन दवा इस कदम का मतलब ये है कि अगर आपने कोविड-19 की जगह किसी अन्य वजह से पीएफ निकासी का आवेदन किया है तो उसके प्रोसेसिंग में अपेक्षाकृत रूप से ज्यादा समय लग सकता है. इसी को देखते हुए EPFO ने लोगों से कहा है कि जो पीएफ खाताधारक किसी अन्य कारण का हवाला देते हुए पहले ही पीएफ निकासी का फॉर्म भर चुके हैं, और वे अब तक प्रोसेस नहीं हुए हैं तो वे लोग चाहे तो जल्द राहत प्राप्त करने के लिए कोविड-19 को कारण बताते हुए एक बार फिर फॉर्म भर सकते हैं. वही, शुक्रवार के आंकड़े के मुताबिक EPFO ने दस दिन से भी कम समय में Covid-19 को वजह बनाकर दाखिल किए गए 1.37 लाख पीएफ निकासी क्लेम का निस्तारण किया है. कोरोना से देश में भारी आर्थिक संकट के आसार, रघुराम राजन बोले - मैं मदद के लिए तैयार कोरोना से लड़ने के लिए EPFO से निकासी जारी, 10 दिनों के अंदर निपटाए 1.37 लाख निकासी दावे अगर लॉकडाउन में कंपनीयों ने कर्मचारीयों का काटा या रोका वेतन तो, सरकार कर देगी ऐसा हाल