नई दिल्ली: भारत सरकार चावल, गेहूं, जौ, मक्का और गन्ने से एथेनॉल प्रोडक्शन को प्रोत्साहित करने के लिए इंटरेस्ट सबवेनशन के माध्यम से 4573 करोड़ का फंड देगी. पेट्रोल में एथेनॉल की ब्लेडिंग को बढ़ावा देकर सरकार किसानों की आमदनी में वृद्धि करना चाहती है. सरकार का कहना है एक तो इससे कृषकों की आय बढ़ेगी और दूसरी तरफ तेल आयात का खर्चा भी घटेगा. पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि सरकार पेट्रोल में 20 फीसदी एथेनॉल ब्लेंडिंग का लक्ष्य पूरा करना चाहती है. उसका इरादा 2030 तक इस टार्गेट को प्राप्त कर लेना है. इससे किसानों की आय में तो वृद्धि होगी ही तेल आयात में भी कमी आएगी. साथ ही पर्यावरण के लिए बेहतर होगा. उन्होंने कहा कि इस प्रकार की परियोजनाओं के लिए पांच साल तक इंटरेस्ट सबवेंशन को वहन करेगी. साथ ही इस तरह की लोन पर एक साल तक रियायत मिलेगी. सरकार ने एथेनॉल प्रोडक्शन को प्रोत्साहित करने के लिए इंटरेस्ट सबवेंशन के मद में 8640 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था. इसके तहत 4,687 करोड़ रुपये के इंटरेस्ट सबवेंशन डिस्टरलीज को देने की स्वीकृति मिल चुकी है. इस समय देश में 426 करोड़ लीटर एथेनॉल का उत्पादन किया जाता है. 2030 तक इसे बढ़ा कर 1750 करोड़ लीटर करने का टारगेट है. इसके लिए सरकार को कम से कम 40 हजार करोड़ रुपये का निवेश करने की आवश्यकता पड़ेगी. कोरोना के खिलाफ महाअभियान शुरू, 2 जनवरी को देशभर में होगा वैक्सीन का ड्राई रन म्यांमार ने जनवरी अंत तक अंतरराष्ट्रीय उड़ान प्रतिबंध को बढ़ाया मुकेश अंबानी नहीं, बल्कि चीन का ये कारोबारी है एशिया का सबसे रईस शख्स