एक बार फिर से कश्‍मीर को अंतरराष्‍ट्रीय मुद्दा बनाने के मामले में पाकिस्‍तान के प्रयासों को झटका लगा है. फ्रांस के स्‍ट्रॉसबर्ग में यूरोपीय संघ के संसद ने बुधवार को पिछले 11 सालों में पहली बार कश्‍मीर मुद्दे पर चर्चा की और भारत को अपना समर्थन दिया. इससे पहले 2008 में यहां कश्‍मीर का मुद्दा उठा था. आगे जाने पूरी रिपोर्ट पीएम मोदी से आज मुलाकात करेंगी ममता बनर्जी, इन मामलों पर होगी चर्चा मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कश्मीर मामले में शांतिपूर्ण हल निकालने के लिए संसद ने भारत-पाकिस्‍तान को सीधे तौर पर वार्ता करने को कहा है. इटली के यूरोपीयन पीपुल्‍स पार्टी के फुल्‍वियो मार्तुसाइल्‍लो ने कहा, ‘पाकिस्‍तान ने परमाणु हथियारों के इस्‍तेमाल की धमकी दी है. पाकिस्‍तान ऐसी जगह है जहां आतंकी यूरोप में आतंकी हमलों को अंजाम देने की योजना बनाने में सक्षम हैं. पोलैंड के यूरोपीयन कंजर्वेटिव्‍स एंड रिफार्मिस्‍ट ग्रुप के रिसजार्ड ने कहा, ‘दुनिया में भारत सबसे बड़ा लोकतंत्र है. हमें भारत के जम्‍मू कश्‍मीर में होने वाले आतंकी घटनाओं की जांच करने की जरूरत है. ये आतंकी चांद पर से नहीं आते. वे पड़ोसी देश से आते हैं. हम भारत का समर्थन करते हैं.' अयोध्या केस : ओवैसी का बड़ा बयान, कहा- BJP या शिवसेना नहीं, बल्कि...' आपकी जानकारी के लिए बता दे कि राजनीतिक मामलों पर चर्चा के लिए महत्‍वपूर्ण मंच यूरोपीयन यूनियन ने भारत द्वारा जम्‍मू कश्‍मीर से अनुच्‍छेद 370 के हटाए जाने व इसके बाद वहां के हालात पर चर्चा की. साथ ही पाकिस्‍तान अपनी कारस्‍तानी से यहां भी बाज नहीं आया. EU संसद के मंच पर भी समर्थन पाने में असफल रहने के बावजूद पाकिस्‍तानी विदेश मंत्री ने कहा,’23 अंतरराष्‍ट्रीय सांसदों ने कश्‍मीर में मानवाधिकार हनन पर अपनी चिंता दिखाई.’घाटी से विशेष दर्जा हटाए जाने के बाद से पाकिस्‍तान बौखलाया हुआ है और इस बौखलाहट में वह बिना सोचे समझे भारत से कई संबंध खत्‍म करता जा रहा है. साथ ही कश्‍मीर को लेकर कई अफवाह फैलाने से नहीं चूकता. बता दें कि कश्‍मीर से विशेष दर्जा समाप्‍त क दिए जाने के बाद से ही पाकिस्‍तान और भारत के बीच संबंध और तनावपूर्ण हो गए है. पी. चिदंबरम से जेल में मिले ये नेता, जानिए किन मद्दो पर हुई वार्ता 'शिवपाल सिंह यादव' का बड़ा ऐलान, इस सीट से लड़ेगे चुनाव राजस्थान में बसपा को जोरदार झटका, मायावती ने कांग्रेस को कहा- 'दोगली'