यूरोप : मंगल पर जीवन खोजने के लिए वैज्ञानिक नई-नई खोज कर रहे हैं और ये पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि मंगल पर जीवन है या नहीं. इसी के बाद एक और जानकारी सामने आई है जिससे ये पता चलता है कि मंगल पर जीवन के आधे अवसर हैं, यानि 50-50 चांस हैं. इस बात की भविष्यवाणी वैज्ञानिकों ने की है कि आने वाले तीन सालों में रोवर मिशन के चलते ये साबित हो जायेगा कि मंगल पर जीवन है. इसके अलावा एक्सओ मार्स के लिए परीक्षण करने वाली टीम रोबोट ने कहा कि पहली बार मार्शियन सतह के नीचे और भी गहराई में जा कर इसका पता करेंगे कि वहां कोई जीवन सम्भव है या नहीं. पिछले मिशनों ने मुख्य रूप से सतह की चट्टानों और टॉपसॉइल का विश्लेषण किया था. हालांकि, वैज्ञानिकों का मानना है कि रेड प्लैनेट के कम वातावरण और इसी तरह के तीव्र विकिरण ये पता लगाने के लिए बेहद जरुरी हैं जिसमें जीवन से जुड़े गहरे साक्ष्य हो. वैज्ञानिकों ने किया दावा मंगल ग्रह पर है पर्याप्त आॅक्सीजन वहीं, इसके विपरीत साल 2020 में लॉन्च होने वाले एक यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी क्राफ्ट को अभियान के लिए दो मीटर ड्रिल के साथ लगाया जाएगा. यह ESA का पहला मंगल रोवर अभियान है जो अत्याधुनिक लेजर भी अपने साथ ले जायेगा. इससे वहां मौजूद अणुओं का विश्लेषण करेंगे और उसका पता लगाएंगे. इस पर टीम के विशेषज्ञ डॉ सुज़ेन श्वेन्जर ने कहा ''संभावनाएं लगभग 50/50 हैं ... हम एक बहुत ही रोचक जगह पर जा रहे हैं." एक्सोफिट प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ बेन डोबके ने कहा "अगर आपको अपने जीवन के माइक्रोबियल खोजने हैं तो यह साक्ष्य शायद सतह के नीचे है.'' खबरें और भी... महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग की व्हीलचेयर और शोध पत्र होंगे नीलाम 4 करोड़ में नीलाम हुआ 5 किलो का चाँद