अहमदाबाद: गुजरात उच्च न्यायालय ने नादियाद नगर निगम में कांजी हाउस में रखी गई 30 आवारा गायों की मौत के मामले में नाराजगी व्यक्त की है। उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने कहा कि जनता की सुविधा के लिए निर्दोष जानवरों की बलि नहीं दी जा सकती है। अदालत ने कहा कि नडियाद नगर निगम की खुली भूमि में फेंके गए गाय के शवों की तस्वीर परेशान करने वाली और चौंकाने वाली है। बता दे कि कोर्ट ने नडियाद निवासी मौलिक श्रीमाली द्वारा दाखिल अदालत की अवमानना की याचिका में दायर एक हलफनामे को रिकॉर्ड पर लिया जो मवेशियों की समस्या को रोकने के लिए निर्देश देने का अनुरोध करने वाली जनहित याचिका से संबंधित थी। श्रीमाली ने अपने हलफनामे में कहा कि उन्हें मवेशियों के बाड़े में जानवरों की मौत के बारे में खबर प्राप्त हुई, तत्पश्चात, संभवत: नडियाद नगर निगम की जमीन के एक खुले हिस्से में 30 गायों के अवशेष फेंकने की जानकारी हुई। अदालत की सुनवाई में जज शास्त्री ने कहा कि मानवों के आराम के लिए हम ऐसी चीज की अनुमति नहीं दे सकते हैं। इसके साथ ही कहा कि अगर ऐसा हो रहा है तो भगवान भी हमें माफ नहीं करेंगे। निर्दोष जानवरों को इस प्रकार खत्म नहीं किया जा सकता है। न्यायमूर्ति शास्त्री ने कहा कि जनता की सुविधा के लिए एक भी निर्दोष जानवर की बलि नहीं दी जाएगी। यह किसी षड्यंत्र का हिस्सा हो सकता है। गुजरात में AAP को बड़ा झटका, विधायक भूपेन्द्र भयानी ने दिया इस्तीफा 'मुख्यमंत्री और मंत्रियों को बिल्कुल भी शर्म नहीं है..', केरल सरकार पर क्यों भड़के गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान ? आखिर कौन हैं वो लोग जिन्होंने संसद के अंदर और बाहर मचा दिया हड़कंप?