शिमला: कोरोना महामारी के कारण देश का प्रत्येक वर्ग बेहद प्रभावित हुआ है. वही इस बीच COVID-19 के दौर में एक तरफ सरकारी तथा निजी संस्थाओं की स्थिति ख़राब हो रही है, वहीं तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा के ‘द दलाईलामा ट्रस्ट’ को लॉकडाउन के चलते अप्रैल से जून तक विदेशों से 11.60 करोड़ की राशि प्राप्त हुई है. ट्रस्ट की तरफ से विदेशी दान की दी गई जानकारी से इसका पता चला है. जानकारी के मुताबिक, विदेशों से इस राशि को ऐकडेमिक वर्क के लिए भेजा हुआ दिखाया गया है. इसमें दलाईलामा के जापान तथा एशिया के लाइजन दफ्तर से 7.61 करोड़ तथा ताइवान में दलाईलामा के प्रतिनिधि के दफ्तर से 3.77 करोड़ भेजे गए हैं. इसके अतिरिक्त अमेरिका, जापान, वियतनाम, इटली, सिंगापुर, स्वीडन, दक्षिण कोरिया तथा न्यूजीलैंड से भी लाखों की राशि डोनेशन के रूप में भेजी गई है. वही यह राशि ऐसे वक़्त में भेजी गई है, जब भारत सहित पूरा विश्व लॉकडाउन के चलते ठप था तथा तकरीबन सभी सरकारों, संस्थाओं एवं औद्योगिक घरानों को सर्वाधिक हानि हुई है, किन्तु महज तीन माहों में 11.60 करोड़ से अधिक का दान प्राप्त होना अपने आप में चौंका देने वाला है. वही दूसरी ओर कोरोना संक्रमण के चलते रिपन अस्पताल से शनिवार शाम आईजीएमसी शिमला रेफर ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी मेडिसिन और चेस्ट विशेषज्ञों की निगरानी में हैं. उन्हें ऑक्सीजन की कमी के चलते सांस लेने में दिक्कत होने पर आइसोलेशन वार्ड में दाखिल किया था. आईजीएमसी प्राचार्य डॉ. रजनीश पठानिया ने बताया कि मंत्री की हालत में सुधार है. मंत्री की संक्रमित दो बेटियां रिपन में भर्ती हैं, जबकि तीसरी बेटी की रिपोर्ट रविवार को निगेटिव आई है. वहीं, शनिवार को नेरचौक मेडिकल कॉलेज में कोरोना से हुई हमीरपुर के किडनी मरीज की मौत के बाद रविवार को सुकेती खड्ड के किनारे शव का अंतिम संस्कार किया गया. अर्थव्यवस्था पर बोले मनमोहन सिंह, आर्थिक मंदी से उबरने के लिए सुझाए 3 उपाय MP में आज से थम जाएंगे 3 लाख वाहनों के पहिए, ट्रांसपोर्ट संगठन ने किया 'हड़ताल' का ऐलान पीएम मोदी ने किया 'सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर केबल' का शुभारंभ, जानिए क्या है ये प्रोजेक्ट